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गोरखपुर चिड़ियाघर को जल्द मिल सकता है मीडियम जू का दर्जा, इन मानकों पर खरे उतरने की वजह से बढ़ेगा रुतबा

केंद्रीय जू अथॉरिटी के अनुसार चिड़ियाघर 35 हेक्टेयर में होना चाहिए. गोरखपुर का चिड़ियाघर 50 हेक्टेयर में फैला है. दूसरा मानक चिड़ियाघर में 35 प्रजाति के वन्य पशु होने चाहिए. तीसरा मानक एक वर्ष में चिड़ियाघर में साढ़े तीन लाख दर्शक आए हों. गोरखपुर में वर्ष 2022 में 5.23 लाख दर्शक आ चुके हैं.

Gorakhpur News: शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान का जल्द ही रुतबा बढ़ जाएगा. चिड़ियाघर प्रशासन यह संभावना जता रहा है कि इस बार उसे मीडियम जू का दर्जा मिल जाएगा. वर्तमान में चिड़ियाघर के पास मिनी जू की मान्यता है. मीडियम जू का दर्जा मिलने के लिए केंद्रीय जू अथॉरिटी के निर्धारित छह मानकों में से चिड़ियाघर को चार मानक पूरा करने होते हैं. गोरखपुर का चिड़ियाघर 6 मानकों में से चार मानक को पूरा कर रहा है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि गोरखपुर चिड़ियाघर को मीडियम जू का दर्जा मिल सकता है. चिड़ियाघर के दो वर्ष की मान्यता पूरी हो चुकी है. 4 दिसंबर को केंद्रीय जू अथॉरिटी की तरफ से दो सदस्यीय टीम सर्वे के लिए गोरखपुर चिड़ियाघर भेजी गई थी. इसके बाद टीम ने दो दिनों तक चिड़ियाघर के बाड़े, निर्माण कार्य,दर्शकों की संख्या, वन्य जीवों की गिनती समेत अन्य का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली रवाना हो गई.अब चिड़ियाघर प्रशासन की उम्मीद बढ़ गई है. चिड़ियाघर प्रशासन उम्मीद जाता रही है कि जल्द ही अथॉरिटी की तरफ से मीडियम जू का दर्जा गोरखपुर चिड़ियाघर को मिल सकता है. चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि केंद्रीय जू अथॉरिटी की तरफ से जो चिड़ियाघर छह में से चार मानक पूरा करता है. उसे मीडियम जू का दर्जा दे दिया जाता है. गोरखपुर चिड़ियाघर चार मानक पूरा कर रहा है. 4 दिसंबर को 2 वर्ष की मान्यता पूरी होने पर अथॉरिटी की तरफ से दो सदस्यीय टीम सर्वे के लिए आई थी.टीम ने कई बिंदुओं पर जांच की और रिपोर्ट लेकर गई है.जांच में सब कुछ सही रहा.उम्मीद है कि जल्द ही अथॉरिटी की तरफ से गोरखपुर चिड़ियाघर को मीडियम जू का दर्जा दे दिया जाएगा.

गोरखपुर चिड़ियाघर ने पूरे किए ये मानक

केंद्रीय जू अथॉरिटी के अनुसार चिड़ियाघर 35 हेक्टेयर में होना चाहिए. गोरखपुर का चिड़ियाघर 50 हेक्टेयर में फैला है. दूसरा मानक चिड़ियाघर में 35 प्रजाति के वन्य पशु होने चाहिए. तीसरा मानक एक वर्ष में चिड़ियाघर में साढ़े तीन लाख दर्शक आए हों. गोरखपुर चिड़ियाघर में वर्ष 2022 में 5 लाख 23 हजार और वर्ष 2023 में 7 लाख दर्शक आ चुके हैं. चौथा मानक विलुप्त प्राय वन्य जीव मौजूद हो.

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गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघ एक सिंघ वाले भारतीय गंडे, बब्बर शेर,हिमालय काला भालू समेत अन्य कई विलुप्त प्राय वन्य जीव है. गोरखपुर चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार वह सिर्फ वन्य जीव की संख्या में पीछे है. केंद्रीय जीव अथॉरिटी द्वारा यह मानक तय है कि चिड़ियाघर में वन्य जीव की संख्या 350 होनी चाहिए.फिलहाल गोरखपुर चिड़ियाघर 6 मानकों में से 4 मानक को पूरा कर रहा है.

रिपोर्ट –कुमार प्रदीप,गोरखपुर

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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