पटना. जमीन विवाद में बुधवार को नालन्दा में खून की होली खेली गई. छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में दिनदहाड़े अंधाधुंध गोलीबारी कर 6 लोगों की हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक परिवार को 50 से ज्यादा लोगों ने चारों तरफ से घेरकर अंधाधुंध गोलीबारी कर 5 लोगों की हत्या कर दी. जबकि तीन लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. इलाज के क्रम में तीन में से एक की मौत हो गई. अभी भी दो की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. मृतकों में एक ही परिवार के सभी सदस्य हैं. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है.
पुलिस के अनुसार 50 बीघा जमीन के आपसी बंटवारे को लेकर पिछले करीब 10 वर्षों से गोतिया (पड़ोसियों) से विवाद चल रहा था. फिलहाल यह मामला कोर्ट में था. 17 अप्रैल 2021 को वर्तमान थाना अध्यक्ष विनोद कुमार की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने बॉन्ड किया था कि कोर्ट से विवाद हल होने तक भूमि की जुताई नहीं होगी. आरोप है कि बुधवार की सुबह करीब 9 बजे महेंद्र यादव अपने परिवार और बाहरी लोगों के साथ मिलकर जबरन खेत जुताई करने लगे. करीब चार बीघा से अधिक खेत को जुताई कर दी गई. इस बात की सूचना जब उनके गोतिया को लगा तो वे अपने घर से निकलकर इसका विरोध करने लगे. इसपर वहां पर पहले से हथियारों से लैस 50 से अधिक लोगों ने उनको घेर लिया. इसपर घर के अन्य लोग भी आ गए. फिर हथियारबंद अपराधियों ने सभी को घेरकर अंधाधुध गोलीबारी कर 5 लोगों की हत्या कर दी और तीन लोगों को जख्मी कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि अपराधियों ने करीब 200 राउंड से अधिक गोलियां चलायी. जिससे देखते ही देखते पूरे गांव में चीख पुकार मच गई.
एक ही परिवार के सभी मृतक
इस घटना के सभी मृतक यादव बिरादरी के हैं और एक ही परिवार के हैं. मृतकों की पहचान 60 वर्षीय यदु नंदन यादव एवं उनके दो पुत्र 30 वर्षीय पिंटु यादव तथा 25 वर्षीय मधेश यादव, 45 वर्षीय वीरेंद्र प्रभाकर उर्फ बिंदा यादव, स्वर्गीय पशुराम यादव के दो पुत्र 50 वर्षीय धीरेन्द्र यादव एवं 40 वर्षीय शिवल यादव के रुप में हुई है. पिता रामरूप यादव की मौत इलाज के दौरान हो गई. मृतक वीरेंद्र प्रभाकर उर्फ बिंदा के पुत्र अतुल प्रभाकर एवं इंदु यादव का जख्मी हालत में फिलहाल इलाज चल रहा है.
थाना प्रभारी की भूमिका पर खड़े हुए सवाल
इस कांड में स्थानीय थाना प्रभारी का भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं. कहा जा रहा है कि मृतक यदुनंदन के पुत्र कृष्णदेव प्रसाद ने सुबह 9 बजे के आसपास जैसे ही महेंद्र यादव एवं उनके परिवार खेत जुताई करने लगे तो छबीलापुर थाना प्रभारी विनोद कुमार को इसकी सूचना दी. इस पर थाना प्रभारी ने कहा कि जहां जाना है जाओ, 24 घंटे बाद मामला को देखेंगे. प्रशासन का सहयोग न मिलने पर थक हार कर 12 बजे के बाद खेत जुताई कर रहे लोगों को पीड़ित परिवारवालों ने मना किया तो आरोपी पक्ष ने घेरकर गोलियों की बौछार कर दी. जबरन खेत जुताई का विरोध करने वाले परिवार के 8 लोगों को गोली लगी, जिनमें 6 की मौत हो गई.