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Jitiya Vrat 2021: 36 घंटे का निर्जला व्रत जितिया आज, जानें व्रत पूजा और पारण से जुड़ी पूरी जानकारी

Jitiya Vrat 2021: आज जितिया व्रत का पहला दिन है. इस साल यह व्रत 28 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक रहेगा. आज नहाय-खाय की परंपरा निभाई जाएगी. आज माताएं बच्चों को मड़ुआ आटा से तैयार रोटी, नोनी का साग एवं सतपुतिया की सब्जी भोजन में ग्रहण करती है.

Jitiya Vrat 2021: आज जितिया व्रत का दूसरा दिन है. आज माताएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखी है. आज माताएं जीमूतवाहन की पूजा कर संतान की दीर्घायु की कामना करेंगी. इस व्रत का पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होती है. इस दिन माताएं बच्चों को मड़ुआ आटा से तैयार रोटी, नोनी का साग एवं सतपुतिया की सब्जी भोजन में ग्रहण करेंगी. व्रती उदया तिथि से पूर्व मंगलवार की रात 12 बजे के बाद एवं सुबह चार बजे से पहले सरगही करती है. वैसी व्रती जो उदया तिथि मानती हैं, वह भिनसार में सरगही करेंगी. आइए जानते है व्रत पूजा और पारण से जुड़ी पूरी जानकारी

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखने का विधान है. जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया या जिउतिया व्रत के नाम से जाना जाता हैं. यह व्रत सप्तमी से शुरू होती है और नवमी तिथि को समाप्त हो जाती है. जितिया व्रत संतान की लंबी आयु के लिए माताएं रखती हैं.

जितिया व्रत शुभ मुहूर्त

28 सितंबर दिन मंगलवार यानि आज शाम 06 बजकर 16 मिनट से आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी. अष्टमी तिथि 29 सितंबर की रात 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगी. अष्टमी तिथि के साथ व्रत समाप्त नहीं होगा. व्रत का पारण 30 सितंबर को किया जाएगा.

  • जितिया व्रत की शुरुआत नहाय खाए से होती है.

  • इस साल 28 सितंबर 2021 मंगलवार को नहाए खाए होगा.

  • 29 सितंबर 2021 बुधबारको निर्जला व्रत रखा जाएगा .

  • 30 सितंबर को सूर्य उदय के बाद दोपहर 12 बजे तक व्रत का पारण किया जाएगा.

जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजा विधि

सुबह स्नान करने के बाद व्रती प्रदोष काल में गाय के गोबर से पूजा स्थल को लीपकर साफ कर लें. इसके बाद वहां एक छोटा सा तालाब बना लें. फिर तालाब के पास एक पाकड़ की डाल लाकर खड़ाकर कर दें. अब शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन की कुशनिर्मित मूर्ति जल के पात्र में स्थापित करें.

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इसके बाद उन्हें दीप, धूप, अक्षत, रोली और लाल और पीली रूई से सजाएं. अब उन्हें भोग लगाएं. अब मिट्टी या गोबर से मादा चील और मादा सियार की प्रतिमा बनाएं. दोनों को लाल सिंदूर अर्पित करें. अब पुत्र की प्रगति और कुशलता की कामना करें. इसके बाद व्रत कथा सुनें और पढ़ें.

जितिया व्रत का महत्व

जितिया व्रत संतान की लंबी आयु, निरोगी जीवन और खुशहाली के लिए रखा जाता है. यह व्रत नहाए खाए के साथ शुरू होता है. दूसरे दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है. इस साल 28 सितंबर को नहाए खाए, 29 सितंबर को निर्जला व्रत और 30 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा.

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

मोबाइल नंबर- 8080426594-9545290847

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Prabhat Khabar Digital Desk
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