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गिरिडीह के पारसनाथ की पहाड़ियों पर नक्सलियों का जुटान, घात लगाकर हमला करने की योजना, अलर्ट मोड में पुलिस

jharkhand news: झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत पारसनाथ की पहाड़ियों पर नक्सलियों का जुटान हो गया है. खुफिया रिपोर्ट में भी पुलिस को अलर्ट किया गया है. वहीं, नक्सली घात लगाकर पुलिस पर हमला करने की योजना बना रहे हैं.

Jharkhand news: झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत पारसनाथ की पहाड़ियों पर जुटे नक्सली घात लगाकर पुलिस पर हमला करने की योजना बना रहे हैं. नक्सलियों की गतिविधियों और उनकी योजना की खुफिया विभाग से मिली जानकारी के बाद पुलिस मुख्यालय ने गिरिडीह एसपी और रेंज डीआईजी से अलर्ट किया है.

पारसनाथ की पहाड़ियों पर नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ने के साथ ही पुलिस बल मानसिक रूप से एनकाउंटर के लिए तैयार रहने का कहा गया है. वहीं, नक्सली बंदी को देखते हुए पुलिस अफसरों व जवानों को गुमला, गिरिडीह सहित अन्य नक्सल प्रभावित जिलों में कहीं भी अकेले नहीं जाने की हिदायत दी गयी है.

बता दें कि पिछले दिनों शीर्ष नक्सली प्रशांत बोस व उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में तीन दिवसीय बंदी का आह्वान किया था. इसी दौरान नक्सलियों के गिरिडीह के पारसनाथ पहाड़ियों पर नक्सलियों के जुटने की खबर मिली थी. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, नक्सली रेल, सड़क, सरकारी भवन, पुल, पुलिया व पुलिस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के फिराक में हैं.

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नक्सलियों के बोकाराे से गिरिडीह व धनबाद जिला होकर पारसनाथ पहाड़ी की तलहटी में प्रवेश करने की सूचना पर जीटी रोड के नक्सल प्रभावित सभी थानों को अलर्ट मोड पर रखा गया था. नक्सलियों के महिला दस्ते के आने की खबर भी पुलिस हाई अलर्ट पर थी.

घरों से फरार हो गये हैं युवा

पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कई गांवों के युवा घरों से फरार हो गये हैं. एक ग्रामीण के मुताबिक, पिछले दिनों दो लोग पुलिस की ड्रेस में गांव आकर शराब मिलने का पता पूछ रहे थे. वहीं, युवाओं ने कहा कि जंगल में रहना मुश्किल हो गया है. दिन में CRPF और पुलिस नक्सलियों का पता बताने के लिए दबाव डालती है, तो रात में नक्सली पुलिस मुखबिरी के आरोप में प्रताड़ित करते हैं. पुलिस के ड्रेस में शराब मिलने का पता पूछने वालों पर युवाओं को शक होने के बाद कई युवा गांव छोड़ दिये हैं.

किसके सर होगा ताज

दूसरी ओर, पारसनाथ जोन में नक्सलियों की लगातार गिरफ्तारी, सरेंडर व नक्सलियों की संख्या में वृद्धि नहीं होने के कारण संगठन प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद से यह निर्णय नहीं ले पा रहा है कि प्रशांत बोस के स्थान पर ताज किसके सर दिया जाये. संगठन जिसे स्थान देगा, वह पूरा संगठन चलाने के लिए पीबीएम से कमांडर तक के पद को बदलने का काम करेगा. इसके लेकर संगठन के सदस्य बंदी में अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करा कर अपना पद सुरक्षित करना चाह रहे हैं.

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Posted By: Samir Ranjan.

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