9.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

”चलूं-चलूं बहिना हकार पूरय लय…” के साथ पूरा हुआ मिथिलांचल की नवविवाहिताओं का कठिन व्रत मधुश्रावणी

मधेपुरा : सावन मास की नागपंचमी से प्रारंभ होकर चौदह दिनों तक चलनेवाला मधुश्रावणी पर्व गुरुवार को संपन्न हो गया. ग्वालवांडा प्रखंड क्षेत्र के नोहर, सरौनी, शाहपुर, भलुबाही, झझरी, पिरनगर, झलारी आदि गांवों में चल रहा मधुश्रावणी पर्व पर ससुराल से भेजी गयी रूई की टेमि से हाथ, घुटना एवं पैर पर पान के पत्ते पर टेमि को जला कर दागा गया.

मधेपुरा : सावन मास की नागपंचमी से प्रारंभ होकर चौदह दिनों तक चलनेवाला मधुश्रावणी पर्व गुरुवार को संपन्न हो गया. ग्वालवांडा प्रखंड क्षेत्र के नोहर, सरौनी, शाहपुर, भलुबाही, झझरी, पिरनगर, झलारी आदि गांवों में चल रहा मधुश्रावणी पर्व पर ससुराल से भेजी गयी रूई की टेमि से हाथ, घुटना एवं पैर पर पान के पत्ते पर टेमि को जला कर दागा गया.

नवविवाहिता के लिए यह अग्नि परीक्षा अपने पति के दीर्घायु एवं अमर सुहाग कि कामना के लिए की जाती है. मधुश्रावणी में नवविवाहिताएं चौदह दिनों तक अपनी ससुराल से भेजे गये अरवा चावल, ससुराल से आये वस्त्र, जेवरात आदि पहन कर नाग देवता एवं माता गौरी कि पूजा-अर्चना कर पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं.

नवविवाहिताएं झुंड बना कर सुबह-शाम बगीचे में बांस की चंगेरा में फूल लोढ़ने जाती हैं. संध्या काल में लोढ़े गये फूल से नाग देवता एवं माता गौरी की पूजा की जाती है. लगातार चौदह दिनों तक मां गौरी, विषहरी, सतभामिनी, पिंगला आदि की कथा सुनती हैं. कथा के बीच-बीच में प्रसंग से संबंधित भजन-गीत गाये जाते हैं.

टोले-मोहल्ले में हकार दिये जाने की भी प्रथा प्रचलित है. महिलाएं भी सज-धज कर हकार पुरने जाती हैं. सभी का स्वागत तेल, सिंदूर, पान, सुपारी एवं अंकुरित चना देकर स्वागत किया जाता है. टेमि समापन के बाद अहीबाती खिलायी जाती है. मधुश्रावणी पर खास चहल-पहल देखी गयी.

मधुश्रावणी पूजा कर रही नोहर की नवविवाहिता प्राची का कहना है कि अचल सुहाग के लिए नवविवाहिता छह जगह कठिन से कठिन अग्निपरीक्षा देने को तैयार रहती है. ”चलूं-चलूं बहिना हकार पूरय लय, टूनी दाय के बड़ एलय टेमि दागय लय” गीत के साथ मधुश्रावणी पर्व का समापन गुरुवार को हो गया.

मधेपुरा : सावन मास की नागपंचमी से प्रारंभ होकर चौदह दिनों तक चलनेवाला मधुश्रावणी पर्व गुरुवार को संपन्न हो गया. ग्वालवांडा प्रखंड क्षेत्र के नोहर, सरौनी, शाहपुर, भलुबाही, झझरी, पिरनगर, झलारी आदि गांवों में चल रहा मधुश्रावणी पर्व पर ससुराल से भेजी गयी रूई की टेमि से हाथ, घुटना एवं पैर पर पान के पत्ते पर टेमि को जला कर दागा गया.

नवविवाहिता के लिए यह अग्नि परीक्षा अपने पति के दीर्घायु एवं अमर सुहाग कि कामना के लिए की जाती है. मधुश्रावणी में नवविवाहिताएं चौदह दिनों तक अपनी ससुराल से भेजे गये अरवा चावल, ससुराल से आये वस्त्र, जेवरात आदि पहन कर नाग देवता एवं माता गौरी कि पूजा-अर्चना कर पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं.

Undefined
''चलूं-चलूं बहिना हकार पूरय लय... '' के साथ पूरा हुआ मिथिलांचल की नवविवाहिताओं का कठिन व्रत मधुश्रावणी 3

नवविवाहिताएं झुंड बना कर सुबह-शाम बगीचे में बांस की चंगेरा में फूल लोढ़ने जाती हैं. संध्या काल में लोढ़े गये फूल से नाग देवता एवं माता गौरी की पूजा की जाती है. लगातार चौदह दिनों तक मां गौरी, विषहरी, सतभामिनी, पिंगला आदि की कथा सुनती हैं. कथा के बीच-बीच में प्रसंग से संबंधित भजन-गीत गाये जाते हैं.

टोले-मोहल्ले में हकार दिये जाने की भी प्रथा प्रचलित है. महिलाएं भी सज-धज कर हकार पुरने जाती हैं. सभी का स्वागत तेल, सिंदूर, पान, सुपारी एवं अंकुरित चना देकर स्वागत किया जाता है. टेमि समापन के बाद अहीबाती खिलायी जाती है. मधुश्रावणी पर खास चहल-पहल देखी गयी.

मधुश्रावणी पूजा कर रही नोहर की नवविवाहिता प्राची का कहना है कि अचल सुहाग के लिए नवविवाहिता छह जगह कठिन से कठिन अग्निपरीक्षा देने को तैयार रहती है. उसने भी व्रत रख कर पति विष्णु की लंबी आयु की कामना की. ”चलूं-चलूं बहिना हकार पूरय लय, टूनी दाय के बड़ एलय टेमि दागय लय” गीत के साथ मधुश्रावणी पर्व का समापन गुरुवार को हो गया.

Posted By : Kaushal Kishor

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel