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जामताड़ा : नाला में प्रोसेसिंग प्लांट लगने से बहुरेंगे काजू बगान के दिन, 57 लाख रुपये किये जायेंगे खर्च

जिला प्रशासन हाल के दिनों में जिले के सभी प्रखंडों में काजू के पौधों का सर्वे कराया था. इसमें जिले भर में कुल 70 हजार 435 पौधे काजू के पाये गये हैं. तैयार रिपोर्ट के अनुसार जिले में नये काजू पौधों की संख्या 32650 व पुराने काजू पौधे की संख्या 32785 है.

जामताड़ा : झारखंड का एक ऐसा गांव जहां बड़ी मात्रा में काजू का पैदावार होता है. जिला प्रशासन की ओर से काजू बगान की बंदोबस्ती नहीं करने से प्रत्येक वर्ष औने-पौने दाम में लोगों को काजू मिल जाता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आखिर यहां इतने सस्ते में कैसे काजू मिलता है. गौरतलब है कि नाला प्रखंड के डांड़ मौजा, केवलजोरिया मौजा व भंडारकोला मौजा में करीब 94 एकड़ 59 डिसमिल भूमि में काजू का बगान फैला हुआ है. ये करीब पांच किमी क्षेत्रफल में है. प्रत्येक वर्ष अप्रैल में बागान के पौधों से काजू का फल आता है, लेकिन प्रशासन की ओर बागान का बंदोबस्ती नहीं करने व प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना नहीं करने के कारण आसपास के बच्चे व ग्रामीण काजू के कच्चे फल को तोड़ कर पश्चिम बंगाल के व्यापारी को औने पौने दामों में बेच देते हैं. इससे सरकार को प्रति वर्ष लाखों रुपये राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. हालांकि बीते दिनों नाला में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जामताड़ा डीसी शशि भूषण मेहरा व डीएफओ अजिंक्य बंकर देवीदास को काजू बागान के रख-रखाव व प्राेसेसिंग प्लांट लगाने का निर्देश दिया है. इसके बाद प्रशासन अपने स्तर पर प्रोसेसिंग प्लांट को लेकर पहल शुरू कर दिया है. ताकि इन काजू बागानों से सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सके. नाला में प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना को लेकर प्रशासन करीब 57 लाख रुपये खर्च करेगा. इसकी तैयारी की जा रही है.

एक पौधे से एक सीजन में दो किलोग्राम आयेगा काजू फल

बता दें जिला प्रशासन हाल के दिनों में जिले के सभी प्रखंडों में काजू के पौधों का सर्वे कराया था. इसमें जिले भर में कुल 70 हजार 435 पौधे काजू के पाये गये हैं. तैयार रिपोर्ट के अनुसार जिले में नये काजू पौधों की संख्या 32650 व पुराने काजू पौधे की संख्या 32785 है. निजी लोगों के काजू के पौधे की संख्या 5000 है. इसी प्रकार नाला प्रखंड में 29710 पुराने पौधे, 18050 नये पौधे, फतेहपुर में सिर्फ 4500 नये पौधे, कुंडहित में 7850 पुराने पौधे, 3850 नये पौधे, नारायणपुर में 205 पुराने पौधे, 6000 नये पौधे, जामताड़ा में 20 पुराने पौधे व 3020 नये पौधे हैं. अनुमान है कि एक काजू के पेड़ में करीब दो किलोग्राम फल प्रत्येक सीजन में आयेगा तो उन फलों से 75 हजार 570 किलोग्राम प्रत्येक सीजन में रा-मेटेरियल तैयार होगा. यानि तीन किग्रा. कच्चा फल में एक किग्रा प्रोसेसिंग के बाद काजू तैयार होगा तो 25190 किलोग्राम काजू प्रत्येक सीजन में प्रोसेसिंग में तैयार होकर बाजार जायेगा.

2020-21 में हुआ थी बंदोबस्ती

जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 में नाला में काजू बागान की बंदोबस्ती करीब 5 लाख 60 हजार रुपये में की गयी थी. उस वर्ष बंदोबस्ती लिए व्यापारी बागान से काजू को तोड़कर बंगाल में प्रोसिसिंग के लिए बेचचे थे. व्यापारी को भी काफी मुनाफा हुआ था, लेकिन कोविड काल के बाद बंदोबस्ती की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी. किसी भी व्यापारियों ने भी बंदोबस्ती के लिए रुचि नहीं दिखायी. इस कारण तीन वर्षों से ग्रामीण कच्चे काजू के फल को तोड़कर औने पौने दामों में बेच देते हैं.

क्या बोले डीसी

जामताड़ा डीसी शशि भूषण मेहरा नाला में काजू के प्रोसेसिंग प्लांट स्थापना को लेकर प्रशासन गंभीर है. प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना को लेकर तैयारी की जा रही है. ताकि यहां के काजू से सरकार को उचित राजस्व मिल सके.

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