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डॉक्टर व संसाधनों का दंश झेल रहा हजारीबाग का इचाक CHC, प्रभारी चिकित्सक निभा रहे कोरोना वॉरियर्स की भूमिका

Jharkhand News (इचाक/हजारीबाग) : कोरोना वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रभाव को लेकर जहां आम जनजीवन तबाह हो रहा है, वहीं हजारीबाग जिले के एक्कीकृत इचाक प्रखंड के करीब सवा लाख लोगों की स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीद बना इचाक सीएचसी चिकित्सक और संसाधनों का दंश झेल रहा है. 30 बेड वाला आधुनिक सुविधा से लैस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों खुद चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों एवं मशीनरी संसाधनों की कमी का दंश झेल रहा है. यही कारण है कि रात्रि में ओपीडी सेवा के साथ-साथ अस्पताल में बनाये गये कोविड आइशोलेशन वार्ड के लिए भी डॉक्टर और प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी का अभाव है.

Jharkhand News (रामशरण शर्मा, इचाक/हजारीबाग) : कोरोना वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रभाव को लेकर जहां आम जनजीवन तबाह हो रहा है, वहीं हजारीबाग जिले के एक्कीकृत इचाक प्रखंड के करीब सवा लाख लोगों की स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीद बना इचाक सीएचसी चिकित्सक और संसाधनों का दंश झेल रहा है. 30 बेड वाला आधुनिक सुविधा से लैस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों खुद चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों एवं मशीनरी संसाधनों की कमी का दंश झेल रहा है. यही कारण है कि रात्रि में ओपीडी सेवा के साथ-साथ अस्पताल में बनाये गये कोविड आइशोलेशन वार्ड के लिए भी डॉक्टर और प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी का अभाव है.

एक्स-रे मशीन व टेकनिशियन तक नहीं

कोविड से लड़ने के लिए अस्पताल के पास एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, सीटी स्कैन मशीन होनी चाहिए, पर इनमें से एक भी मशीन एवं इनके टेकनिशियन तक नहीं है. लैब में भी आधुनिक जांच कई मशीन उपलब्ध नहीं होने के कारण टीसीडीसी, विडाल, ईसीआर ब्लड ग्रुप की जांच नहीं हो रही है. अस्पताल में 6 बेड का एक कोविड वार्ड बनाया गया है.

यहां 6 ऑक्सीजन सिलिंडर है. वार्ड में तीन शिफ्ट में ड्यूटी देने के लिए तीन चिकित्सक एवं स्पेशल रूप से कम से कम 6 चिकित्साकर्मियों की जरूरत है. अस्पताल में जो भी स्वास्थ्यकर्मी हैं वो ओपीडी सेवा, कोविड जांच के लिए स्वाब कलेक्शन, कोविड टीकाकरण आदि कार्य में लगे हुए हैं. ट्रूनेट जांच के लिए लैब का उद्घाटन हुआ, पर टेक्निशियन की कमी है.

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प्रभारी चिकित्सक निभा रहे हैं कोरोना वॉरियर्स की भूमिका

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, इचाक में 5 चिकित्सक कार्यरत हैं, लेकिन इस विषम परिस्थिति में एकमात्र प्रभारी चिकित्सक डा ओमप्रकाश कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. वहीं, डेंटल चिकित्सक डॉ माधवी सप्ताह में मात्र दो दिन सोमवार एवं मंगलवार को ओपीडी करती हैं. रात को अस्पताल परिसर में रहने के बावजूद आपात स्थिति में आने वाले मरीजों का जांच करने से इंकार कर देती है. यही कारण है कि पूरे सप्ताह अकेले प्रभारी डॉ ओमप्रकाश मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं.

इसके अलावा डॉ पुष्कर की ड्यूटी एचएचसीएच में लगा दी गयी है, जबकि डॉ इरफान कोरोना पॉजिटिव हो जाने के कारण अस्पताल में भर्ती थे. अब वे कोरोना को मात देने के बाद होम आइशोलेशन में हैं. वहीं, डॉ अंजली मातृत्व अवकाश पर हैं. जिस कारण आम लोगों को 24 घंटे ओपीडी एवं रात्रि सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

वर्तमान में अस्पताल का सारा दारोमदार प्रभारी चिकित्सक के अलावा फार्मा रमेश कुमार गुप्ता, बीपीएम अनीता तिर्की, लेखा प्रबंधक रत्नेश कुमार सिंह, एएनएम मेरी मेलिड कुजूर, ज्योति कुमारी, किरण पासवान, एलिजाबेथ करकेट्टा, सुचिता तिर्की, अंजू कुमारी, सुषमा कुमारी, अंजू कुमारी, राजू कुमार, विकास कुमार, एनजीओ की सुनीता कुमारी, सावित्री, सुमन, स्मिता, राजेंद्र, सुषमा कुमारी, राजेश्वर समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के कंधों पर है. ये सभी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना काल में बेखूबी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.

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Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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