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एप्रोच रोड़ के अभाव में बेकार पड़ा 7 करोड़ की लागत से सरायकेला के संजय नदी पर बना पुल, लोगों को हो रही परेशानी

सरायकेला (सरायकेला) : सरायकेला-खरसावां मुख्य पथ पर अभिजीत प्लांट के पास संजय नदी पर 5 साल से उच्च स्तरीय पुल बनकर तैयार है, लेकिन एप्रोच रोड नहीं होने के कारण यह बेकार पड़ा हुआ है. एप्रोच रोड नहीं होने के कारण करीब 7 करोड़ की लागत से बने इस पुल पर यातायात शुरू नहीं हो पा रहा है.

सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश, सरायकेला) : सरायकेला-खरसावां मुख्य पथ पर अभिजीत प्लांट के पास संजय नदी पर 5 साल से उच्च स्तरीय पुल बनकर तैयार है, लेकिन एप्रोच रोड नहीं होने के कारण यह बेकार पड़ा हुआ है. एप्रोच रोड नहीं होने के कारण करीब 7 करोड़ की लागत से बने इस पुल पर यातायात शुरू नहीं हो पा रहा है. खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर संजय पुल का एप्रोच रोड की मांग की है.

जानकारी के अनुसार, सरायकेला-खरसावां मुख्य मार्ग पर अभिजीत कंपनी के पास (खप्परसाई गांव के पास) संजय नदी पर पुल का निर्माण कार्य पूर्ण करने के साथ साथ एक छोर का एप्रोच रोड़ भी बन कर तैयार हो गया है. जबकि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण दूसरे छोर का एप्रोच रोड़ नहीं बन सका है. मालूम हो कि खरसावां व कुचाई प्रखंड को यही मार्ग जिला मुख्यालय सरायकेला से सीधे जोड़ती है.

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बाढ़ से बह गया है पुराने पुल के एक हिस्से का ऊपरी परत

सरायकेला-खरसावां मुख्य मार्ग पर संजय नदी पर वर्तमान में पुराने पुल पर ही आवागमन हो रही है. करीब दो माह पूर्व चक्रवात यास के कारण लगातार हुई बारिश से नदी का पुराना पुल भी करीब 24 घंटे तक डूबा गया था. इस दौरान पानी के तेज बहाव में पुराने पुल के एक छोर का ऊपरी परत बह गयी थी. पुल के इस स्थान पर गड्डा बन गया है. इससे यहां अक्सर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. यह पुल करीब 30 साल पुरानी है. वर्तमान में बड़ी संख्या में भारी वाहन पुराने पुल में ही चल रही है. वर्षों पूर्व बनाये गये इस पुराने पुल की ऊंचाई काफी कम है. ऐसे में जब भी नदी का जलस्तर बढ़ता है तो यह पुल डूब जाती है और आवागमन काफी प्रभावित होती है.

Also Read: टाटा स्टील में अप्रेंटिसशिप की निकली बहाली, इंप्लाई वार्ड के अलावे नन इंप्लाई के बच्चे भी कर सकते हैं आवेदन पुराने पुल से करीब 10 फीट अधिक ऊंचाई पर है नया पुल

पुराने पुल से नये पुल की ऊंचाई करीब 10 फीट अधिक है. नये पुल का शिलान्यास वर्ष 2012 में हुआ था. इसके कुछ साल बाद पुल तो बन गया, लेकिन भूमि अधिग्रहण के कारण एप्रोच रोड़ नहीं बन सका था. राज्य सरकार की ओर से करीब आठ माह पूर्व भूमि अधिग्रहण के लिए विभाग को करीब 29 लाख रुपये का आवंटन मिला है. पुल के एप्रोच रोड़ के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है तथा अगले एक दो सप्ताह पूरा कर लिया जायेगा. इसके बाद राज्य सरकार स्वीकृति मिलने के बाद ही नये सीरे से विभाग की ओर से एप्रोच रोड़ निर्माण की प्रक्रिया शुरु की जायेगी.

Posted By : Samir Ranjan.

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