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लातेहार में 56.6 और सिमडेगा में 65.3 फीसदी लोगों में कोरोना की एंटीबॉडी
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77 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी में पाई गई एंटीबॉडी
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आइसीएमआर के कराये गये चौथे चरण के सिरो सर्वे से हुआ यह खुलासा
सुनील चौधरी, रांची : कोरोना की दूसरी लहर में लातेहार में 56.6 और सिमडेगा में 65.3 प्रतिशत लोगों में कोरोना की एंटीबॉडी पायी गयी है. वहीं पाकुड़ में 44 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पायी गयी है. यानी लगभग 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को कोरोना हो चुका था, लेकिन उन्हें पता नहीं चला.
दूसरी ओर, पाकुड़ जिले के 77 प्रतिशत, लातेहार के 83.3 और सिमडेगा के 81 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों में भी एंटीबॉडी पायी गयी है. आइसीएमआर द्वारा कराये गये चौथे चरण के सिरो सर्वे से यह खुलासा हुआ है. झारखंड सरकार को यह रिपोर्ट भेज दी गयी है. चौथे चरण का सिरो सर्वे कराने का उद्देश्य यह पता करना था कि दूसरी लहर ने आबादी के कितने बड़े हिस्से को संक्रमित किया है.
मई-जून माह में लिये गये थे सैंपल : आइसीएमआर द्वारा मई और जून माह में सिरो सर्वे के सैंपल लिये गये थे. तीनों जिलों में कुल 1533 लोगों के रैंडम सैंपल लिये गये थे. ये उन लोगों के सैंपल थे, जिन्होंने कोरोना टेस्ट नहीं कराया था. इनमें 923 लोगों में एंटीबॉडी पॉजिटिव पायी गयी थी. यानी ये लोग कहीं न कहीं कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. लेकिन इन्हें पता नहीं चला और स्वयं स्वस्थ भी हो गये.
तीनों जिलों में 60% लोगों में एंटीबॉडी पायी गयी. रिपोर्ट के अनुसार पाकुड़ में आम लोगों के 409 सैंपल लिये गये थे, जिसमें 180 यानी 44 प्रतिशत पॉजिटिव पाये गये. वहीं 100 स्वास्थ्यकर्मियों में 77 प्रतिशत पॉजिटिव पाये गये.
तीन जिलों की सिरो सर्वे रिपोर्ट कितने लोगों में एंटीबॉडी
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सिमडेगा 65.3%
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लातेहार 56.6%
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पाकुड़ 44%
वहीं, लातेहार में 422 आम लोगों में 239 यानी 56.6 प्रतिशत और 102 स्वास्थ्यकर्मियों में 85 यानी 83.3 प्रतिशत पॉजिटिव पाये गये. सिमडेगा में 400 आम लोगों के सैंपल में 261 में एंटीबॉडी पायी गयी, जो कुल सैंपल का 65.3 प्रतिशत है. वहीं 100 स्वास्थ्यकर्मियों 81 प्रतिशत में एंटीबॉडी पायी गयी.
Posted by: Pritish Sahay