13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मवेशियों के पेट से मछली के अंडों की स्मगलिंग, जानवरों की लाश का हो रहा इस्तेमाल

Crime News, Bengal news, kolkata news, BSF news: भारत- बांग्लादेश की सीमा पर इनदिनों तस्कर मृत मवेशियों के पेट में सामान रख कर तस्करी कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गोलपाड़ा सीमा चौकी इलाके में दिखा. इच्छामती नदी में बहते मृत दो मवेशियों को देख संदेह के आधार पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने मवेशियों को कब्जे में लिया. मृत मवेशियों के पेट के अंदर मछलियों के अंडे छिपा कर तस्करी की जा रही थी. इसकी कीमत करीब लाखों रुपये आंकी गयी.

कोलकाता : भारत- बांग्लादेश की सीमा पर इनदिनों तस्कर मृत मवेशियों के पेट में सामान रख कर तस्करी कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला गोलपाड़ा सीमा चौकी इलाके में दिखा. इच्छामती नदी में बहते मृत दो मवेशियों को देख संदेह के आधार पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने मवेशियों को कब्जे में लिया. मृत मवेशियों के पेट के अंदर मछलियों के अंडे छिपा कर तस्करी की जा रही थी. इसकी कीमत करीब लाखों रुपये आंकी गयी.

क्या है मामला

गोलपाड़ा सीमा चौकी इलाके में 5 जून को बीएसएफ की 85वें बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर अनुराग मणि के नेतृत्व में जवानों ने नदी में बहने वाले दो मृत मवेशियों को देखा. संदेह के आधार पर बांग्लादेश के दायरे में पहुंचने के करीब 500 मीटर पहले ही बीएसएफ ने मरे हुए मवेशियों को कब्जे में लिया. श्री गुलेरिया ने इसे गंभीर मसला बताते हुए कहा कि तस्कर मृत पशुओं का इस्तेमाल हथियार रखने के लिए भी कर सकते हैं. हालांकि, सीमा पर बीएसएफ के जवान नजरदारी में कोई कमी नहीं रख रहे हैं, लेकिन नजरदारी रखना किसी चुनौती से कम भी नहीं है.

करीब लाख रुपये की फिश बॉल्स

नदी से बाहर निकालने पर जवानों ने देखा कि मवेशियों के पेट की सिलाई हुई है. सिलाई काटने पर पेट के अंदर से 12 फिश बॉल्स निकाले गये, जिनकी कीमत करीब 96 हजार रुपये है. यानी अब तस्करों ने तस्करी के लिए मरे मवेशियों का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया है.

बांग्लादेश में मछलियों के अंडों की तस्करी

बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बरसात का मौसम शुरू होने से पहले ही भारत- बांग्लादेश सीमा पर मछलियों के अंडों की बांग्लादेश में तस्करी की कोशिशें शुरू हो जाती हैं.

बांग्लादेश में दोगुना मिलती है कीमत

मछलियों के अंडे स्थानीय सीमावर्ती इलाकों के अलावा चेन्नई, केरल या ओडिशा से लाये जाते हैं. भारत में मछलियों के अंडे की कीमत करीब 75 पैसे से लेकर 1 रुपये तक होती है. लेकिन, बांग्लादेश में इसकी कीमत दोगुना हो जाती है. मछलियों के अंडों को पॉलिथिन में डाल कर बांध देते हैं, जिसे स्थानीय भाषा में फिश बॉल कहते हैं. एक फिश बॉल की कीमत हमारे देश में 8 से 10 हजार रुपये होते हैं. बांग्लादेश में एक फिश बॉल की कीमत भारतीय करेंसी के हिसाब से 16 से 20 हजार रुपये तक पहुंच जाती है.

तस्कर खराब मौसम का करते हैं इंतजार

अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले तस्कर खराब मौसम का इंतजार करते हैं या वे सीमा के उन क्षेत्रों का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं, जहां प्राकृतिक कारणों की वजह से नजरदारी थोड़ी मुश्किल होती है. तस्कर फिश बॉल को उस रास्ते से बांग्लादेश की ओर से भेजने की कोशिश करते हैं.

इच्छामती नदी के सहारे तस्करी

विगत कई घटनाओं में बीएसएफ ने फिश बॉल की तस्करी को नाकाम किया है. जब तस्करों की कोई चाल कामयाब नहीं हुई, तो उन्होंने मृत मवेशियों के पेट में फिश बॉल्स डालकर सिलाई कर दिया तथा उन्हें इच्छामती नदी में डाल दिया, ताकि नदी के बहाव के साथ वे बांग्लादेश पहुंच जायें और वहां तस्कर उन्हें बाहर निकाल फिश बॉल्स की सप्लाई कर सकें.

913 किमी है भारत- बांग्लादेश की सीमा

भारत- बांग्लादेश की सीमा राज्य के 5 जिलों मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और नदिया के अंतर्गत आते हैं. सीमा का दायरा करीब 913 किलोमीटर का है. इनमें से ज्यादातर इलाके नदियों और उससे सटे क्षेत्र में पड़ते हैं. इतने बड़े क्षेत्र होने के बावजूद करीब 42 प्रतिशत हिस्सों में बाड़ नहीं लगे हुए हैं. यही वजह है कि भारत- बांग्लादेश सीमा पर नजरदारी रखना सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए आसान नहीं होता है. सीमावर्ती इलाकों में तस्कर भी नये- नये हथकंड अपना कर बीएसएफ के जवानों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करते हैं.

Posted By : Samir ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें