महानंदा के जलस्तर में धीमी गति से बढ़ोतरी जारी है. निचले इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाने से लोगों का घरों से निकलना कठिन हो गया है. महानंदा कुछ जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सबनपुर, शिकारपुर, अहमदपुर, मंझोक, तैयबपुर, रेयांपुर, कुजीबना, मुकुरिया आदि गांव जलमग्न हो गये हैं. वहां के लोगों के आवागमन का एक मात्र साधन नाव है.
बाढ़ पीड़ित लोग नाव के सहारे भोजन आदि की व्यवस्था करने में विवश हैं. पशुओं के चारा के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है. बाढ़ के पानी से खेत खलिहान डूब जाने से हरी सब्जी की खेती प्रभावित हो गयी है. इससे सब्जियों का दाम आसमान छूने लगा है. इस विकट स्थिति में सब से अधिक परेशानी वृद्ध व बीमार लोगों को झेलनी पड़ रही है. बाढ़ आने से इलाज के लिए अस्पताल जाने में परेशानी हो रही है. प्रखंड के करीब 15 पंचायत तीन दिनों से बाढ़ की चपेट में हैं. वहां सरकारी सहायता के नाम पर अब तक कुछ नहीं मिला है.
प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय भगत टोला महानंदा नदी के तेज कटाव से नदी में समा गया. इसको लेकर ग्रामीणों में खासी नाराजगी है. बता दें कि महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि से प्राणपुर प्रखंड में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नदी के तेज कटाव के कारण नदी किनारे निर्माणाधीन स्कूल सहित अन्य भवन व अबतक स्थानीय तकरीबन दो सौ परिवार का घर नदी में समा गया है.
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प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भगत टोला के भी महानंदा नदी के तेज कटाव की चपेट में आने से ग्रामीणों व स्थानीय लोगों में विभाग सहित जिला प्रशासन के विरुद्ध आक्रोश है. भगत टोला गांव के अनिरुद्ध मंडल लक्ष्मण मंडल श्याम कुमार मंडल सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय भगत टोला के ठीक सामने महानंदा नदी की धार है. नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण भगत टोला स्थित प्राथमिक विद्यालय सहित दो सौ परिवारों का घर नदी में समा गया. इसके बाद आसपास भी कटाव की आशंका को लेकर लोग भयभीत हैं. ग्रामीणों ने बताया कि महानंदा विभाग के द्वारा प्राथमिक विद्यालय भगत टोला के समीप कटाव निरोधी कार्य करा दिया जाता तो संभवत: विद्यालय सहित हमारे घर कटाव की चपेट में नहीं आते.
Posted By: Thakur Shaktilochan