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पहले चरण में पूर्वी मेदिनीपुर की सात सीटों पर वोटिंग, BJP और TMC के लिए वजूद की लड़ाई क्यों है?

Bengal Election 2021 First Phase: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को है. बंगाल चुनाव के पहले फेज में 5 जिलों की 30 सीटों पर वोटिंग होगी. इसमें पूर्वी मेदिनीपुर की सात सीटें (पटाशपुर, कांथी उत्तर, भगवानपुर, खेजुड़ी, कांथी दक्षिण, रामनगर और एगरा) शामिल हैं.

Bengal Election 2021 First Phase: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को है. बंगाल चुनाव के पहले फेज में 5 जिलों की 30 सीटों पर वोटिंग होगी. इसमें पूर्वी मेदिनीपुर की सात सीटें (पटाशपुर, कांथी उत्तर, भगवानपुर, खेजुड़ी, कांथी दक्षिण, रामनगर और एगरा) शामिल हैं. पूर्वी मेदिनीपुर की सातों सीटों के लिहाज से देखें तो यहां पर टीएमसी और बीजेपी में कांटें की टक्कर होने की बात कही जा रही है. इस चुनाव में टीएमसी के गढ़ में बीजेपी परचम लहराने के फेर में है तो टीएमसी के सामने अपने पुराने गढ़ को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है.

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पटाशपुर:- इस सीट पर उत्तम बारिक (टीएमसी), अंबुजाक्ष महंती (बीजेपी) और सैकत गिरी (भाकपा) के बीच कांटे की टक्कर हो रही है. साल 2016 पटाशपुर से टीएमसी के ज्योर्तिमय कर ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने सीपीआई के कैंडिडेट माखनलाल नायक को 29,888 वोट से मात दी थी.

भगवानपुर:- यहां से टीएमसी ने अपने निवर्तमान विधायक अर्धेंदु माइति को मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ बीजेपी के रवींद्रनाथ माइति मैदान में डटे हैं. 2016 के परिणाम को देखें तो टीएमसी के अर्धेंदु माइति ने कांग्रेस के हिमांशु शेखर महापात्रा को 31,943 वोट से हराया था.

कांथी उत्तर:- इस हाई-प्रोफाइल सीट से तरूण कुमार जाना (टीएमसी), सुनीता सिंघा (बीजेपी) और शांतनु माइति (माकपा) के बीच लड़ाई है. पिछले विधानसभा चुनाव (2016) में टीएमसी की बनसारी माइति ने सीपीएम के चक्रधर मैकाप को 18 हजार से ज्यादा वोट से हराया था. कांथी सीट से टीएमसी से बीजेपी में आ चुके शिशिर अधिकारी सांसद हैं. इस सीट पर आजादी के बाद से ही अधिकारी परिवार का दबदबा रहा है. इस बार कांथी उत्तर सीट पर अधिकारी परिवार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.

भगवानपुर:- यहां से टीएमसी ने अपने निवर्तमान विधायक अर्धेंदु माइति को मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ बीजेपी के रवींद्रनाथ माइति मैदान में डटे हैं. 2016 के परिणाम को देखें तो टीएमसी के अर्धेंदु माइति ने कांग्रेस के हिमांशु शेखर महापात्रा को 31,943 वोट से हराया था.

खेजुड़ी:- इस सीट से टीएमसी के पार्थ प्रतिम दास, बीजेपी के शांतनु प्रमाणिक और लेफ्ट गठबंधन के हिमांशु दास मैदान मैदान में हैं. 2016 में टीएमसी के रणजीत मंडल ने स्वतंत्र कैंडिडेट असीम कुमार मंडल को 42,485 वोट से हराया था. यहां पर टीएमसी और बीजेपी में सीधा मुकाबला है.

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कांथी दक्षिण:- अधिकारी परिवार के गढ़ कांथी दक्षिण सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने पटाशपुर के निवर्तमान विधायक ज्योतिर्मय कर को टिकट दिया है. उनके खिलाफ बीजेपी के अरुप कुमार दास मैदान में हैं. साल 2016 के चुनाव में कांथी दक्षिण सीट से शुभेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु अधिकारी ने चुनाव जीता था. दिव्येंदु ने सीपीआई के उत्तम प्रधान को 33,890 वोटों के अंतर से हराया था. 2019 में तमलुक से चुनाव जीतने के बाद दिव्येंदु ने कांथी दक्षिण विधानसभा सीट छोड़ दी थी. उसके बाद हुए उपचुनाव में टीएमसी की चंद्रमा भट्टाचार्य ने चुनाव जीता और ममता सरकार की स्वास्थ्य मंत्री बनी.

रामनगर:- यहां से टीएमसी ने निवर्तमान विधायक अखिल गिरी पर दांव खेला है. जबकि, बीजेपी के स्वदेश रंजन नायक और माकपा के सव्यसाची जाना भी मुकाबले में हैं. रामनगर विधानसभा सीट से 2016 में टीएमसी के अखिल गिरी ने सीपीएम के तापस सिन्हा को 28,253 वोटों के अंतर से हराया था. इस बार अखिल गिरी फिर से रामनगर जीतने के लिए चुनावी मैदान में डटे हैं.

एगरा:- इस विधानसभा सीट को भी हाई-प्रोफाइल माना जा रहा है. एगरा सीट से टीएमसी के तरुण माइति, बीजेपी के अरुप दास, लेफ्ट गठबंधन के मानस कुमार के बीच टक्कर है. 2016 में एगरा सीट से टीएमसी के समरेस दास ने डीसीपी (पीसी) के शेख महमूद हुसैन को 25,956 वोटों से हराया था.

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