Bhargavastra: हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. पाकिस्तान आधी रात में ड्रोन हमले कर रहा था. जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया. इसके बाद से ही भारत और देश की नागरिकों की सुरक्षा को लेकर लगातार मजबूत कदम उठा रहा है. ऐसे में भारतीय सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने दुश्मनों के ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए देसी तोड़ निकाल लिया है.
यह भी पढ़ें: ‘5 साल के अंदर डॉक्टर से बेहतर सर्जरी करेगा रोबोट’, Elon Musk के इस दावे के पीछे क्या है पूरी कहानी? यहां जानें
‘भार्गवास्त्र’ मिसाइल डिफेंस सिस्टम
भगवान परशुराम के अस्त्र से प्रेरित होकर भारतीय वैज्ञानिकों ने भी ‘भार्गवास्त्र’ नाम का मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैयार कर लिया है. जिससे ड्रोन स्वार्म अटैक्स यानी एक साथ होने वाले ड्रोन के झुंडों से आसानी से निपटा जा सकता है. कम कीमत में तैयार किया गया ‘भार्गवास्त्र’ भारतीय सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस के वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन और डेवलप किया गया एंट्री ड्रोन सिस्टम है. जिसका ओडिशा के गोपालपुर में सीवर्ड फायरिंग रेंज में परीक्षण किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा. परीक्षण के दौरान ‘भार्गवास्त्र’ ने अपने सभी टारगेट पूरे किए. तीन अलग-अलग किए गए परीक्षण में सिस्टम के चार माइक्रो रॉकेट्स सभी प्रदर्शन मानकों पर खरा उतरे. चारों माइक्रो रॉकेट्स टारगेट को निशान बना मिशन को पूरा करने में सफल रहे. भारतीय सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस के वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन और डेवलप किया गया भार्गवास्त्र 2.5 किमी तक की दूरी से आने वाले छोटे ड्रोनों का पता लगाकर उन्हें खत्म कर सकता है.
भार्गवास्त्र की खासियत
- भारतीय सेना के एयर डिफेंस के लिए इस तरह का पहला सिस्टम बनाया गया है, जो ‘हार्ड किल’मोड में काम करता है. यानी कि दुश्मनों के ड्रोन को यह सीधे खत्म कर सकता है.
- 6 किमी दूरी से भार्गवास्त्र दुश्मनों के छोटे ड्रोन को भी पहचान लेगा.
- 2.5 किमी से ज्यादा दूरी तक भार्गवास्त्र अपने लक्ष्यों को भेद सकता है.
- दुश्मन कि ओर से आने वाले ड्रोन्स को गाइडेड माइक्रो हथियारों से निशाना बनाने में सक्षम है.
- भार्गवास्त्र एक साथ 64 माइक्रो मिसाइल लॉन्च कर सकता है.
- ऊंचे और कठिन क्षत्रों में भी काम करेगा.
- झुंड में आए ड्रोन्स को भी भार्गवास्त्र गिराने में सक्षम है.
- एक बड़े क्षेत्र को एक साथ कवर कर सारे ड्रोन्स को गिरा सकता है.
दो लेयर में करता है काम
भार्गवास्त्र दो लेयर में काम करता है. जिसमें पहले लेयर में भार्गवास्त्र में अनगाइडेड माइक्रो रॉकेट्स का इस्तेमाल होता है. ये 20 मीटर के दायर में आने वाले ड्रोन के झुंड को पहचान कर एक साथ खत्म कर सकते हैं. ये रॉकेट्स किसी एक ड्रोन को लक्ष्य नहीं बनाते बल्कि एक साथ सबका सफाया कर गिरा सकते हैं.
वहीं, दूसरे लेयर में भार्गवास्त्र में गाइडेड माइक्रो-मिसाइल्स का इस्तेमाल होता है. ये मिसाइल्स दुश्मनों कि ओर से आने वाले ड्रोन पर सटीक निशाना लगाकर उन्हें गिराने में सक्षम है. ऐसे में पहले भार्गवास्त्र के रोकेट्स एक साथ ड्रोन के झुंडों को खत्म करेंगे फिर बचे हुए ड्रोन का इसके मिसाइल्स सफाया करेंगे.
यह भी पढ़ें: JIO Fiber हुआ JIO Home, मिलेगी 1Gbps तक की हाई स्पीड, इन्हें मिलेगा Free सर्विस
यह भी पढ़ें: Jio का बिना डेटा वाला प्लान में मिलेगा 336 दिनों तक अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा, कीमत मात्र इतनी
टेक्नोलॉजी की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें