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West Bengal News: शांति निकेतन की ‘बसंत वंदना’ कार्यक्रम में बाहरी लोगों की एंट्री पर लगी बैन, शेड्यूल जारी

पश्चिम बंगाल में शांति निकेतन में इस बार समय से पहले बसंद वंदना कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है. इसके लिए विश्व विद्यालय ने शेड्यूल जारी कर दिया है.

बोलपुर, मुकेश तिवारी. अपनी परंपरा को तोड़ते हुए शांति निकेतन में समय से पहले बसंत वंदना’. विश्व भारती ने दोल पूर्णिमा से पहले ‘बसंत वंदना’ कार्यक्रम आयोजित का फैसला किया गया है. विवि प्रशासन ने कार्यक्रम का शेड्यूल जारी किया. विश्व भारती के छात्र, प्राध्यापक और शिक्षण कर्मचारी ‘बसंत बंदना’ में ही भाग लेंगे. लेकिन इस बार भी विश्व भारती में परंपरागत वसंतोत्सव नहीं हो रहा है. इससे आश्रम निवासियों का एक वर्ग, छात्र और प्रोफेसर नाराज हैं.

बसंत वंदना का शेड्यूल जारी

विश्व भारती विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित कार्यक्रम के अनुसार, ‘बसंत वंदना’ गुरुवार, 2 मार्च से शुरू होगी. उस दिन शाम 6:30 बजे लोक-संस्कृति कार्यक्रम के साथ ‘बसंत वंदना’ की शुरुआत होगी. रात 9 बजे वैतालिक का आयोजन होगा. अगले दिन सुबह 5 बजे वैतालिक गौराप्रांगन में कार्यक्रम होगा. शोभायात्रा व समारोह सुबह 7 बजे इस दिन आयोजित होगी. शाम सात बजे नृत्य नाटिका ‘माया खेल’ की प्रस्तुति होगी. 7 मार्च यानी दोल दिवस का समापन गौर प्रांगण में पूर्णदास बाउल के गीत ‘बसंत वंदना’ के साथ होगा.

2019 में आखिरी बसंत उत्सव किया गया था आयोजित

बताया जाता है की शांति निकेतन में आखिरी वसंत उत्सव वर्ष 2019 में आयोजित किया गया था. इसमें छात्रों, आश्रम निवासियों के साथ-साथ अनेक पर्यटकों ने भाग लिया था. लेकिन फिर कोरोना वायरस के डर से सब कुछ व्यावहारिक रूप से ठप हो गया था. 2020 से शांतिनिकेतन में संक्रमण से बचने के लिए वसंतोत्सव नहीं मनाया गया. इस बार भी वही फैसला बरकरार है.

छात्र इस बात से काफी नाराज हैं कि इस साल वसंतोत्सव क्यों नहीं मनाया जाएगा.इस बीच कई लोगों ने सवाल उठाया है कि ‘बसंत उत्सव’ के लिए पूर्णदास बाउल के गाने की व्यवस्था क्यों की गई है. क्योंकि कुलपति के रूप में रजत राय के कार्यकाल में पूर्णदास कटोरा समारोह को लेकर विवाद हुआ था. उस विवाद के बाद भी शो को फिर से पूर्णदास बाउल को देने का फैसला क्यों लिया गया. स्वाभाविक रूप से इस विषय को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं है.

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