उनकी पार्टी भी उनडीए में है. वहां उन्होंने एक बार फिर से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग की है. श्री गुरूंग इस बैठक में शामिल होने के लिए कल सोमवार को ही दिल्ली गये थे. इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी वह मिले. इस बैठक में बिमल गुरूंग को उपस्थित रहने के लिए अमित शाह ने पत्र लिखा था. इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी बिमल गुरूंग को फोन करके बैठक में शामिल होने के लिए कहा था.
बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेता और एनडीए के 33 घटक दलों के नेता शामिल हुए. बैठक में मोरचा प्रमुख बिमल गुरूंग ने अपना पक्ष रखते प्रधानमंत्री को अपना वादा याद दिलाया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान तब एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने ‘गोरखाओं का सपना मेरा सपना’ कहा था, अब वक्त आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गोरखाओं का सपना पूरा कर अपना वादा निभाएं. वह अपने वादे को पूरा करने के लिए कदम उठायें.
श्री गुरूंग ने आगे कहा कि बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी जनसभा में गोरखाओं के 11 जातियों को जनजाति का दरजा देने का वादा किया था. यह वादा भी पूरा होना चाहिए.दार्जिलिंग में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलने की बात भी प्रधानमंत्री ने कही थे. श्री बिमल गुरूंग ने इन सभी वादों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान खींचा और इस दिशा में कदम उठाने की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अब अपना वादा पूरा करना चाहिए. एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बातचीत करते उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी गोरखालैंड राज्य से कुछ भी लेने को राजी नहीं है. यह बात कई केंद्रीय मंत्रियों को भी बता दी गयी है.