प्लास्टिक में बंद रहने की वजह से उसे सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी. जिसकी वजह से वह छटपटाने लगा.ऐसा परिजनों का कहना है. समय पर प्लास्टिक ना खोलने पर काफी देर हो जाती. इसके बाद नवजात को लेकर परिजन इमरजेंसी की ओर दौड़े और उसे सिक न्यू बॉर्नबेबी केयर यूनिट में भरती कराया.
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सिलीगुड़ी जिला अस्पताल फिर से कटघरे में
सिलीगुड़ी: धरती पर पैर रखने के साथ ही एक नवजात के साथ गैर जिम्मेदाराना हरकत ने सिलीगुड़ी जिला अस्पताल प्रबंधन को सवालों के कटघरे में ला खड़ा किया है. एक जीवित नवजात को मृत घोषित कर प्लास्टिक में पैक कर परिजनों को सौंप दिया गया. प्लास्टिक में बच्चे को छटपटाता देखकर परिजनों ने नवजात को […]
सिलीगुड़ी: धरती पर पैर रखने के साथ ही एक नवजात के साथ गैर जिम्मेदाराना हरकत ने सिलीगुड़ी जिला अस्पताल प्रबंधन को सवालों के कटघरे में ला खड़ा किया है. एक जीवित नवजात को मृत घोषित कर प्लास्टिक में पैक कर परिजनों को सौंप दिया गया. प्लास्टिक में बच्चे को छटपटाता देखकर परिजनों ने नवजात को वापस अस्पताल में भरती कराया. अस्पताल चिकित्सकों ने बच्चे को आनन-फानन में सिक न्यू बॉर्नबेबी केयर यूनिट में भरती किया. इस घटना ने फिर एक बार सिलीगुड़ी जिला अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों की लापरवाही उजागर कर दी है. सिलीगुड़ी जिला अस्पताल अधीक्षक डा. अमिताभ मंडल ने जांच का आश्वासन दिया है.
उल्लेखनीय है कि रविवार को आसीघर इलाका निवासी विश्वजीत दास अपनी पत्नी डॉली को प्रसव के लिये सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भरती कराया. सोमवार की दोपहर डॉली ने एक पूत्र को जन्म दिया. प्रसव कक्ष से निकलते ही अस्पताल कर्मचारी ने संतान को मृत बताकर प्लास्टिक में पैक कर परिजनों को सौंप दिया. नवजात की मौत की खबर सुनकर परिजनों की आंखे नम हो गयी. गम में डूबा परिवार प्लास्टिक में पैक नवजात को लेकर दफनाने चल पड़े. अस्पताल परिसर में ही प्लास्टिक में कुछ हरकत होने से परिजनों ने प्लास्टिक खोला तो पाया कि नवजात जीवित है.
अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉली का प्रसव लेबर रूम में चिकित्सक की उपस्थिति के बिना ही करायी गयी. अब ऐसे में किसने नवजात को मृत घोषित किया,है यह जानने योग्य विषय है. परिजनों का प्रश्न है कि इतने बड़े जिला अस्पताल में चिकित्सक की उपस्थिति के बिना ही प्रसव कराया जाता है? इस लापरवाही के संबंध में सिलीगुड़ी जिला अस्पताल अधीक्षक डा. अमिताभ मंडल ने कहा कि इस बच्चे का वजन साधारण नवजात से काफी कम है. शायद इसी वजह से यह लापरवाही हुयी है. जहां तक लेबर रूम में चिकित्सक की उपस्थिति का प्रश्न है, तो उसकी जांच करायी जायेगी. पूरे मामले की जांच कराये जाने के बाद दोषी के खिलाफ कार्यवायी किया जायेगा.
इस लापरवाही के संबंध में सिलीगुड़ी जिला अस्पताल रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष व सिलीगुड़ी के पूर्व विधायक डा. रूद्रनाथ भट्टाचार्य ने कहा कि इस मामले की अवश्य जांच करायी जायेगी. फिलहाल बच्चे को सिक न्यू बॉर्न बेबी केयर यूनिट में इलाज चल रहा है. बच्चे को बचाने के प्रयास किये जा रहे हैं.
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