सिलीगुड़. एनजेपी रेलवे स्टेशन पर पार्किग फीस वसूलनेवाले ठेकेदारों का उपद्रव जारी है. तमाम नियम-कानूनों की अनदेखी करते हुए स्टेशन आनेवाले वाहन मालिकों से अधिक पार्किग फीस की वसूली की जा रही है. एनजेपी स्टेशन पर यदि कोई अपनी गाड़ी पार्क करता है, तो नियमानुसार पांच रुपये की पार्किग फीस देनी पड़ती है.
इसके अलावा ऐसे गाड़ीवाले, जो अपने रिश्तेदारों को स्टेशन पर उतार कर तुरंत बाहर निकल आते हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की कोई पार्किग फी नहीं देनी पड़ती है. लेकिन वर्तमान में ऐसी स्थिति नहीं है. एनजेपी स्टेशन पर पहुंचने का मतलब ही 10 रुपये की पार्किग फीस देना है. ऐसा आरोप सिलीगुड़ी मर्चेट एसोसिएशन (एसएमए) के महासचिव घनश्याम मालपानी ने लगाया है.
उन्होंने इस समस्या के समाधान की मांग को लेकर पूवरेत्तर सीमा रेलवे के एरिया मैनेजर को फिर से चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा है कि एनजेपी रेलवे स्टेशन पर काफी दिनों से यह समस्या जस की तस बनी हुई है. बहुत बार रेलवे के उच्चधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. ठेकेदार न केवल गाड़ी मालिकों को परेशान कर रहे हैं, बल्कि पांच रुपये के बदले 10 रुपये की वसूली कर रहे हैं. श्री मालपानी ने बताया है कि एनजेपी स्टेशन पर एक निर्धारित स्थान पर पार्किग जोन बनाया गया है.
नियमानुसार यहां गाड़ी खड़ी करने पर पार्किग फीस देने का प्रावधान है. अगर कोई स्टेशन परिसर में प्रवेश करता है और यात्री को उतार कर तत्काल अपनी गाड़ी को लेकर बाहर निकल जाता है, तो उनसे पार्किग फीस नहीं ली जा सकती. यह रेलवे का नियम है.
लेकिन एनजेपी स्टेशन पर इस नियम की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है. पार्किग फी वसूलने में जो लोग लगे हैं, वह पार्किग जोन में नहीं रहते हैं. उन्हें पार्किग जोन में रहकर पार्किग फी की वसूली करनी चाहिए. लेकिन वह लोग ऐसा न कर स्टेशन परिसर के निकासी गेट पर पर्ची लेकर खड़े रहते हैं. कोई भी गाड़ी निकलती है तो उनसे यह लोग पार्किग फी ले लेते हैं. उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने एरिया मैनेजर को लिखी अपनी चिट्ठी में आगे कहा है कि देश के अन्य भागों में स्थित रेलवे स्टेशन में अलग से पार्किग जोन बनाये गये हैं. यहां प्रवेश करने वाली ्रगाड़ियों से ही पार्किग फी की वसूली होती है. ऐसी ही व्यवस्था एनजेपी स्टेशन पर भी करने की मांग उन्होंने एरिया मैनेजर से की है. उन्होंने कहा है कि पार्किग कलेक्टरों के अवैध वसूली के कारण आम यात्री काफी परेशान हो रहे हैं और शीघ्र ही इस समस्या के समाधान की जरूरत है.