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आखिर कैसे होगी प्राणी विज्ञान में ऑनर्स की पढ़ाई
सिलीगुड़ी : उत्तरबंग विश्वविद्यालय में पहली बार यूजी कोर्स (स्नातक) की पढ़ाई शुरू हो रही है. मंगलवार से उत्तरबंग विश्वविद्यालय परिसर में प्राणी विज्ञान ऑनर्स की पढ़ाई शुरू होगी. लेकिन इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढ़ांचागत व अन्य व्यवस्थाएं एनबीयू में उपलब्ध नहीं है. विद्यार्थियों कोपास कोर्स विषयों की पढ़ाई करने के लिए एनबीयू से अनुमोदित […]
सिलीगुड़ी : उत्तरबंग विश्वविद्यालय में पहली बार यूजी कोर्स (स्नातक) की पढ़ाई शुरू हो रही है. मंगलवार से उत्तरबंग विश्वविद्यालय परिसर में प्राणी विज्ञान ऑनर्स की पढ़ाई शुरू होगी. लेकिन इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढ़ांचागत व अन्य व्यवस्थाएं एनबीयू में उपलब्ध नहीं है. विद्यार्थियों कोपास कोर्स विषयों की पढ़ाई करने के लिए एनबीयू से अनुमोदित किसी अन्य कॉलेज में जाना होगा,जो अभी तक तय नहीं है. जिसकी वजह से दाखिला लेने के बाद भी विद्यार्थी व उनके अभिभावक काफी परेशान हैं. वहीं दूसरी तरफ इसी सत्र से प्राणी विज्ञान की मास्टर्स की पढ़ाई भी एनबीयू में शुरू हो रही है.
उल्लेखनीय है कि उत्तरबंग विश्वविद्यालय के अधीन 99 प्रतिशत कॉलेजों में प्राणी विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई होती है. एकमात्र कॉलिम्पोंग कॉलेज में विज्ञान विभाग में प्राणी विज्ञान एक विषय भर है. पिछले कई सालों से उत्तर बंगाल के विद्यार्थी स्नातक में प्राणी विज्ञान को शामिल करने की मांग कर रहे थे. इस मांग को ध्यान में रखकर उत्तरबंग विश्वविद्यालय ने प्राणी विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई शुरू कराने का निर्णय लिया. जबकि इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर में आवश्यक व्यवस्था तक नहीं है. मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर में स्थित प्रशासनिक भवन के पीछे एक कमरे में प्राणी विज्ञान विषय की पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है.
इसके लिए करीब डेढ़ वर्ष पहले ही दो अध्यापकों की नियुक्ति भी कर ली गयी. मिली जानकारी के अनुसार उत्तरबंग विश्वविद्यालय में प्राणी विज्ञान में स्नातक के लिए 15 सीटें है. पहले सत्र में मात्र 11 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है. जिसमें सिलीगुड़ी व आस-पास सहित उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों से भी कई विद्यार्थी हैं. 2018-21 सत्र के लिए 11 जून से 27 जून तक नामांकन प्रक्रिया चली. 2 जुलाई से पढ़ाई शुरू कराने की बात थी. व्यवस्था के अभाव में इसे टाल कर 10 जुलाई कर दिया गया.
तृणमूल छात्र परिषद के दार्जिलिंग जिला कार्यकारी अध्यक्ष मिठुन वैश्य ने बताया कि बुनियादी ढांचागत व्यवस्था के बिना ही प्राणी विज्ञान ऑनर्स की पढ़ाई विश्वविद्यालय शुरू करा रही है. विश्वविद्यालय में प्राणी विज्ञान का क्लास करने के बाद एपीसी या अन्य कॉलेज में जाकर क्लास करने में काफी परेशानी का सामना करना होगा. इस विषय को लेकर तृणमूल छात्र परिषद की ओर से उत्तरबंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा. सुबीरेश भट्टाचार्य से बातचीत करेंगे.
इस संबंध में उत्तरबंग विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार दिलीप सरकार ने बताया कि मंगलवार से प्राणी विज्ञान स्नातक की पढ़ाई शुरू हो रही है. विश्वविद्यालय में ही प्राणी विज्ञान विषय की पढ़ाई होगी. अन्य विषयों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित डिग्री कॉलेजों में क्लास की व्यवस्था करायी जायेगी. कई कॉलेज प्रबंधन के साथ इस विषय को लेकर बातचीत जारी है. प्राणी विज्ञान स्नातक की पढ़ाई में कोई समस्या नहीं होगी.
नामांकन करानेवाले विद्यार्थी और अभिभावक परेशान
यहां बता दे कि ऑनर्स के साथ स्नातक की पढ़ाई में कुल चार विषयों का चयन करना होता है. जिसमें ऑनर्स के दो पेपर, पास कोर्स के दो विषय तथा एक विषय भाषा की होती है. उत्तरबंग विश्वविद्याय में प्राणी विज्ञान ऑनर्स की पढ़ाई के लिए भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा एक विषय भाषा को रखा गया है. अब समस्या यह है कि प्राणी विज्ञान के लिए तो दो अध्यापकों को नियुक्त किया गया है, लेकिन बाकी विषयों के लिए यहां शिक्षक ही नहीं हैं.
साथ ही स्नातक के इन विषयों की पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय में ढांचागत बुनियादी व्यवस्था भी नहीं है. 11 विद्यार्थियों ने प्राणी विज्ञान में ऑनर्स के लिए दाखिला तो ले लिया है लेकिन अब क्लास व पढ़ाई को लेकर चिंता में हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि विश्वविद्यालय परिसर में प्राणी विज्ञान को छोड़कर अन्य किसी भी विषय की पड़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है. फिर पढ़ाई कैसे होगी. अन्य विश्वविद्यालय के अधीन कॉलेजों में भी नामांकन की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो गयी है. सिर्फ प्राणी विज्ञान की पढ़ाई कर ही स्नातक की डिग्री हासिल नहीं होगी. उसके लिए अन्य विषयों की पढ़ाई भी करनी होगी.
दूसरे कॉलेजों के सहारे बाकी विषयों की तैयारी
विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राणी विज्ञान की पढ़ाई विश्वविद्यालय में होगी. जबकि अन्य विषयों की पढ़ाई के लिए हिमाचल विहार स्थित आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय महाविद्यालय (एपीसी) में क्लास की व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए एपीसी कॉलेज प्रबंधन से विचार-विमर्श किया जा रहा है. साथ ही एनबीयू के अधीनस्त अन्य कॉलेज जैसे बागडोगरा स्थित तराई तारापद महाविद्यालय, सिलीगुड़ी कॉलेज आदि में भी वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार हो रहा है. विश्वविद्यालय में प्राणी विज्ञान विषय की पढ़ाई कर एपीसी या अन्य कॉलेज में विद्यार्थी पास कोर्स व भाषा विषय का क्लास करेगें.
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