कोलकाता : नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये गये पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम और तीन अन्य नेताओं को नजरबंदी में रखे जाने के कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के बाद वह शुक्रवार को अपने आवास लौट आये. हकीम कड़ी सुरक्षा के बीच शाम को अपने चेतला आवास पहुंचे.
हाइकोर्ट ने फिरहाद हकीम, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को नजरबंदी में रखने का आदेश दिया. अदालत ने अपने पूर्व के आदेश को संशोधित किया, जिसके तहत सीबीआई कोर्ट द्वारा चारों नेताओं को दी गयी जमानत पर रोक लगायी गयी थी.
सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी तत्काल घर नहीं लौट सके, क्योंकि उनका स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं के कारण अस्पतालों में इलाज चल रहा है. इसलिए इन नेताओं ने तय किया है कि इलाज कराने के दौरान ये लोग अस्पताल में ही रहेंगे. हालांकि, कोर्ट ने सभी को घर पर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
फिरहाद की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी कैवियट
हाइकोर्ट द्वारा गृहबंदी का फैसला सुनाये जाने के बाद मंत्री फिरहाद हकीम के अधिवक्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दाखिल की गयी है. यह जानकारी फिरहाद की बेटी प्रियदर्शिनी हकीम ने दी है. उन्होंने बताया कि इस मामले में सीबीआई उनकी जानकारी के बगैर कोई याचिका दायर नहीं कर सके, इसलिए कैवियट दाखिल की गयी है, ताकि एकतरफा फैसला ना हो.
प्रियदर्शिनी ने यह भी कहा कि उनके पिता को जमानत नहीं मिली है. वह हाउस अरेस्ट हैं. हालांकि, वह अपने घर से वर्चुअल माध्यम के जरिये अपना काम करेंगे. साथ ही हकीम की बेटी ने एक बार फिर अपने पिता के समर्थकों से शांति बनाये रखने की अपील की है.
Posted By: Mithilesh Jha