कोलकाता: राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को टक्कर देने के लिए पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कमर कस ली है. यही वजह है कि वह 26 जुलाई से दिल्ली की यात्रा करने वाली हैं. इस दौरान वह कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) समेत भाजपा विरोधी दलों के नेताओं से मिलेंगी. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी वह मुलाकात कर सकती हैं.
सूत्रों की मानें, तो ममता बनर्जी के इस दौरे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में वापसी करने वाले दिग्गज नेता मुकुल रॉय भी साथ रहेंगे. राजनीति के पंडितों का मानना है कि राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका तलाशने के लिए ममता बनर्जी दिल्ली जा रही हैं, जिसमें बंगाल की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले मुकुल रॉय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
यही वजह है कि ममता बनर्जी के इस दिल्ली दौरे को काफी अहम माना जा रहा है. असल में वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं. इसलिए बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार वह प्रदेश से बाहर दौरे पर जायेंगी.
हाल ही में पश्चिम बंगाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त देने के बाद तृणमूल कांग्रेस और उसकी सुप्रीमो ममता बनर्जी के हौसले बुलंद हैं. उनके सिपहसालारों और तृणमूल के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पीएम मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी विपक्ष का सबसे मजबूत चेहरा हो सकती हैं. ममता के समर्थन में उनके करीबी नेता देश भर में लॉबिंग कर रहे हैं.
शहीद दिवस का कई राज्यों में प्रसारण
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को शहीद दिवस पर अपने सबसे बड़े वार्षिक कार्यक्रम के जरिये अलग-अलग राज्यों में विभिन्न भाषाओं में पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के भाषण का प्रसारण करने जा रही है. टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बनर्जी के भाषण को पश्चिम बंगाल में बड़े पर्दों पर प्रसारित किया जायेगा. पहली बार तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी इसका प्रसारण किया जायेगा.
ममता बनर्जी बंगाल में बांग्ला भाषा में वर्चुअल संवाद करेंगी, जबकि प्रदेश के बाहर जिन राज्यों में उनका संबोधन होगा, वह वहां की स्थानीय भाषा में प्रसारित होगा. यह बांग्ला भाषा का अनुवादित भाषण होगा. कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से यह लगातार दूसरा मौका होगा, जब ममता बनर्जी 21 जुलाई के शहीद दिवस को वर्चुअली संबोधित करेंगी.
पीएम मोदी और अमित शाह के गढ़ में गरजेंगी ममता
टीएमसी नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गढ़ गुजरात में भी कई जिलों में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के भाषण को बड़े पर्दे पर प्रसारित किया जायेगा. इस कार्यक्रम के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए गुजराती में पुस्तिका वितरित की जा रही है. गुजरात में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव है.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने पश्चिम बंगाल चुनावों के दौरान भाजपा के अभियान की कमान संभाली थी. अब गुजरात और अन्य राज्यों में दीदी का संदेश फैलाने की हमारी बारी है.
पार्टी उत्तर प्रदेश में भी ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित करेगी, क्योंकि वहां भी वर्ष 2022 में चुनाव होने जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने अन्य राज्यों में भी टीएमसी की पहुंच बढ़ाने का आह्वान किया था. भाजपा से टीएमसी में लौटे मुकुल रॉय को देश भर में पार्टी के विस्तार का जिम्मा सौंपा गया है.
21 जुलाई को क्यों मनता है शहीद दिवस
वर्ष 1993 में कोलकाता में युवा कांग्रेस ने रैली निकाली थी. रैली में शामिल युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने गोलीबारी कर दी थी, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गयी थी. उस वक्त बंगाल में वाम मोर्चा की सरकार थी और ममता बनर्जी ने युवा कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में ज्योति बसु सरकार की नीतियों के खिलाफ रैली निकाली थी. रैली में मारे गये इन 13 लोगों की याद में ही ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस हर साल शहीद दिवस मनाती हैं.
Posted By: Mithilesh Jha