30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

न्याय के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखेगी छेड़खानी पीड़िता

राजभवन की एक महिला कर्मचारी के साथ छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा कई सीसीटीवी फुटेज दिखाये जाने की घटना के एक दिन बाद शिकायतकर्ता ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करेगी.

एजेंसियां, कोलकाता

राजभवन की एक महिला कर्मचारी के साथ छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा कई सीसीटीवी फुटेज दिखाये जाने की घटना के एक दिन बाद शिकायतकर्ता ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करेगी. कर्मचारी ने असंपादित फुटेज को सार्वजनिक रूप से दिखाये जाने पर आपत्ति जतायी, जिसमें कथित तौर पर उसकी पहचान का खुलासा किया गया था, क्योंकि फुटेज में उसका चेहरा धुंधला नहीं किया गया था. कर्मचारी ने कहा कि वह कोलकाता पुलिस से ज्यादा उम्मीद नहीं रख सकती, जिसके हाथ राज्यपाल को प्राप्त संवैधानिक छूट के कारण बंधे हुए हैं. शिकायतकर्ता ने कहा कि वह गंभीर अवसाद से गुजर रही है और उसे लगा कि राष्ट्रपति को पत्र लिखना ही न्याय हासिल करने एकमात्र तरीका है. कथित पीड़िता ने बताया, ‘‘मैं जानती हूं कि संवैधानिक छूट के कारण राज्यपाल को कुछ नहीं होगा, लेकिन उन्होंने जो अपराध किया है उसका क्या? मैंने इस मामले में हस्तक्षेप के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखने का फैसला किया है. मैं उन्हें न्याय के लिए पत्र लिख रही हूं, कुछ और नहीं.”

फुटेज को उसकी पहचान छुपाये बिना दिखाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए महिला ने कहा कि वह प्रतिकार के लिए पुलिस का भी दरवाजा खटखटायेगी. दो मई के सीसीटीवी फुटेज का प्रदर्शन अपमानजनक था. उसने जांच प्रक्रिया के दौरान राज्यपाल द्वारा सहयोग न किये जाने पर अफसोस जताते हुए अपनी निजता और गोपनीयता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. शिकायतकर्ता ने कहा, ‘‘राज्यपाल ने मेरी अनुमति के बिना मेरे फुटेज कैसे दिखाये? उन्होंने आज एक और अपराध किया है.”

राजभवन की संविदा महिला कर्मचारी ने शुक्रवार को कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी कि बोस ने 24 अप्रैल और दो मई को राजभवन में उसके साथ छेड़छाड़ की थी. उसने राज्यपाल पर अपने कृत्यों से ध्यान भटकाने के लिए हास्यास्पद नाटक रचने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें जांच की शुरुआत में ही पुलिस को फुटेज उपलब्ध कराना चाहिए था. उसने कहा, ‘‘राज्यपाल ने एक घृणित कार्य किया और फिर उन्होंने अपनी गलती छुपाने के लिए एक हास्यास्पद नाटक रचा. उन्होंने फुटेज जारी करने से पहले कभी भी मेरी अनुमति नहीं ली. यह हमारे कानूनों का उल्लंघन है, क्योंकि मेरी पहचान गोपनीय रखी जानी

चाहिए थी.” पेज 03 भी देखें

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें