ब्रिगेड रैली. अगले साल होनेवाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए वाममोर्चा ने फूंका बिगुल
संवाददाता, कोलकाताश्रमिक, किसान, खेतीहर मजदूर व बस्ती विकास से जुड़े चार वामपंथी संगठनों की ओर से रविवार को आयोजित ब्रिगेड रैली में वाममोर्चा (वामो) ने वर्ष 2026 में यहां होनेवाले विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया. ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वामो के अहम घटक दल माकपा के प्रदेश सचिव व पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि बंगाल से तृणमूल के सफाये के लिए मैदान में उतर कर खेलना होगा. उन्होंने कहा : मैं फुटबॉल पसंद करता हूं, जिसके लिए मैदान में खेलना होता है. ‘गद्दी’ पर बैठे ‘भ्रष्टाचारियों’ को नीचे उतारने के लिए राज्य में अब वामपंथियों को मैदान में उतर कर खेलना होगा. ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित विशाल रैली में बड़ी संख्या में श्रमिक व किसान संगठन और अन्य वाम समर्थक जमा हुए. इसकी प्रशंसा करते हुए सलीम ने कहा कि केवल बैठक में संख्या बल दिखाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि राजनीतिक लड़ाई को जमीनी स्तर तक ले जाना आवश्यक है.मुर्शिदाबाद दंगे भाजपा-तृणमूल के बीच मौन सहमति से ‘सुनियोजित’ किये गये
मोहम्मद सलीम ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के विकास के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा : केंद्र सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के अपने नारे को ‘सबका सत्यानाश’ में बदल दिया है. वक्फ (संशोधन) अधिनियम का जिक्र करते हुए उन्होंने केंद्र पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया. सलीम ने कहा : इस कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन मुर्शिदाबाद को छोड़ कर कहीं भी दंगे नहीं हुए. इससे गंभीर सवाल उठते हैं. उनका आरोप है कि मुर्शिदाबाद दंगे भाजपा और तृणमूल के बीच मौन सहमति से ‘सुनियोजित’ किये गये थे. माकपा ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने लोगों से ‘विभाजन की खतरनाक राजनीति’ के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया.
तृणमूल कांग्रेस का हाथ पकड़ कर पश्चिम बंगाल में आयी भाजपा
माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी हमला बोला. ब्रिगेड सभा में उन्होंने कहा : मुझे एक फिल्म का डायलॉग याद है, जिसमें एक किरदार दूसरे से कहता है : मैं तुम्हें पानी में डूबा कर मारूंगा. इसके बाद ही दूसरा शख्स कहता है: मैं तुम्हें पानी पिला-पिला कर मारूंगा. दोनों का मतलब एक ही है. यानी डायलॉग लिखने वाला एक है. भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के साथ भी ऐसा ही है. दोनों दलों का ‘स्क्रिप्ट’ लिखने वाला आरएसएस ही है. उन्होंने कहा : तृणमूल प्रमुख का हाथ पकड़ कर भगवा दल बंगाल में आया. दोनों अपना मतलब साधने के लिए एक-दूसरे का विरोध करने का महज दिखावा करते हैं. दोनों में कोई अंतर नहीं है.
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की न्यायिक जांच हो : माकपा
मुर्शिदाबाद में हुए सांप्रदायिक दंगों की न्यायिक जांच की मांग करते हुए माकपा नेता सलीम ने आरोप लगाया कि राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल और विरोधी दल भाजपा 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए मिल कर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि धर्म के नाम पर माहौल बनाया जा सके. लोगों को बांटा जा सके. दोनों दल बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ‘प्रतिस्पर्द्धात्मक सांप्रदायिकता’ में संलिप्त हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

