संवाददाता, कोलकाता
दक्षिण कोलकाता के ढाकुरिया, जादवपुर, टॉलीगंज और तपसिया जैसे इलाकों में वर्षों से चले आ रहे जल संकट की समस्या अब जल्द ही दूर हो सकती है. कोलकाता नगर निगम (केएमसी) द्वारा धापा स्थित जय हिंद जल प्रकल्प की जलशोधन क्षमता को बढ़ाकर अब इन इलाकों में नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी.जल शोधन क्षमता में 20 मिलियन गैलन की वृद्धि ः नगर निगम ने जय हिंद जल परियोजना की क्षमता को 30 मिलियन गैलन से बढ़ा कर 50 मिलियन गैलन प्रतिदिन करने की योजना बनायी है. इस परियोजना का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और उम्मीद है कि जल शोधन का नया प्लांट अगले साल फरवरी से काम शुरू कर देगा.
यह जानकारी कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने मंगलवार को निरीक्षण के दौरान दी. उन्होंने निगम के जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ साइट का दौरा किया और कार्य की प्रगति की समीक्षा की.बाईपास व आसपास के इलाके भी होंगे लाभान्वित ः मेयर ने बताया कि इस परियोजना से न केवल जल संकटग्रस्त इलाकों को राहत मिलेगी, बल्कि ईस्टर्न बाइपास से सटे क्षेत्रों के लोग भी लाभान्वित होंगे. साथ ही, गहरे नलकूपों (डिप ट्यूबवेल) पर निर्भरता भी धीरे-धीरे कम की जायेगी.
130 करोड़ की लागत तेजी से हो रहा निर्माण
कोलकाता नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, धापा जल परियोजना को करीब 130 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जा रहा है. पहले काम की धीमी रफ्तार को लेकर मेयर ने नाराजगी जतायी थी, लेकिन इस बार उन्होंने संतोष जताते हुए कहा कि काम अब तेजी से चल रहा है और समय पर पूरा हो जायेगा. निगम का लक्ष्य है कि इस परियोजना के माध्यम से उन इलाकों में शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाये, जहां अभी तक गहरे बोरवेल के पानी पर निर्भरता है.एक और जल परियोजना गरिया में निर्माणाधीन
इसके अलावा, गरिया ढलाई ब्रिज के पास भी एक नयी जल परियोजना पर काम चल रहा है. इस परियोजना के पूरा होने पर एक मिलियन गैलन अतिरिक्त जल शोधन की क्षमता तैयार हो जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

