कोलकाता.
कलकत्ता हाइकोर्ट ने पश्चिम बर्दवान के जामुड़िया में युवक की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आरोपी महेश केशरी को बरी कर दिया. आरोपी करीब 14 साल 6 महीने से जेल में था. न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने फैसले में पुलिस जांच की गंभीर खामियों की ओर इशारा किया और कहा कि आरोपी को संभवतः साजिश के तहत फंसाया गया था. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह मौजूद नहीं था. पुलिस और डॉक्टरों सहित 12 गवाहों के बयान दर्ज हुए, लेकिन उनमें से सात को प्रत्यक्षदर्शी बताया गया. इनमें से पांच एक ही परिवार से थे और उनके बयानों से यह साबित नहीं होता कि हत्या महेश केशरी ने की थी. अदालत ने सवाल उठाया कि क्या यह मामला आरोपी को फंसाने की साजिश तो नहीं था. बता दें कि 25 मार्च 2011 को जामुड़िया थाने के चिंचुरिया बाजार स्थित एक मोबाइल दुकान से मुक्ति बाउरी नामक युवक का गला कटा शव बरामद हुआ था. पुलिस ने पड़ोसी महेश केशरी को गिरफ्तार किया और दुर्गापुर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत ने 28 अगस्त 2014 को उसे दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. महेश केशरी ने इस फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी. उसके वकील अनिर्बान मित्रा ने दलील दी कि पुलिस जांच में भारी खामियां थीं और उनके मुवक्किल को जानबूझकर फंसाया गया. लंबी सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने आरोपी को निर्दोष मानते हुए उसकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

