कोलकाता. हाइडैटिड सिस्ट बीमारी बार-बार होने पर बहुत मुश्किल हो सकती है. इसलिए इसका समय पर और सही इलाज बहुत जरूरी है. ये बातें डॉ संजय मंडल ने महानगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कही. उन्होंने एक 35 वर्षीय महिला मरीज के बारे में बताया कि वह महिला कई वर्षों से लीवर में बार-बार होने वाले बड़े हाइडैटिड सिस्ट से परेशान थी. मरीज को लीवर में हाइडैटिड सिस्ट का पता चला था, जो पैरासाइटिक इन्फेक्शन की वजह से होने वाला एक बड़ा, पानी से भरा सिस्ट है. पिछले छह वर्षों में, उसने दो अलग-अलग प्रोसीजर करवाये, एक लैप्रोस्कोपिक सर्जरी और बाद में एक रेडियोलॉजी-गाइडेड पीएआइआर (पंचर, एस्पिरेशन, इंजेक्शन, री-एस्पिरेशन), दोनों ही इस कंडीशन को ठीक नहीं कर पाये. उन्होंने बताया कि चिकित्सकों के नेतृत्व में उनकी टीम ने महिला के दाहिने लीवर का एक बड़ा रिसेक्शन किया.
जिसमें लीवर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा और आस-पास के कई सिस्ट निकाले गये.
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