कल्याणी.
एसआइआर सुनवाई के दौरान नदिया जिले के राणाघाट में एक युवती को ऐसे सवालों का सामना करना पड़ा, जिसने उसकी निजी जिंदगी के पुराने घावों को फिर से हरा कर दिया. सुनवाई के दौरान मां से अलग हो चुके पिता का डेथ सर्टिफिकेट मांगे जाने पर युवती फूट-फूट कर रो पड़ी. उसकी भावनात्मक स्थिति को देखकर सुनवाई के लिए बुलाये गये अन्य लोग भी राणाघाट सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट कार्यालय के सामने इकट्ठा हो गये.राणाघाट की रहने वाली युवती मनु मित्रा का जन्म वर्ष 1997 में हुआ था. उसके जन्म प्रमाण पत्र और शुरुआती स्कूल रिकॉर्ड में पिता के रूप में प्रबीर दास का नाम दर्ज है. हालांकि, मनु के स्कूल जाने के कुछ समय बाद ही उसके माता-पिता अलग हो गये और वह अपनी मां के साथ रहने लगी. इसके बाद उसकी मां ने राणाघाट के दक्षिणपाड़ा निवासी तिमिर घोष से दूसरी शादी कर ली.मनु बचपन से ही तिमिर घोष को पिता मान कर बड़ी हुई. आधार कार्ड, वोटर कार्ड सहित उसके सभी दस्तावेजों में पिता के रूप में तिमिर घोष का नाम दर्ज है. वर्तमान में मनु शादीशुदा है और उसके ससुराल के पते में भी पिता के तौर पर तिमिर घोष का ही नाम दर्ज है.समस्या वर्ष 2002 की वोटर लिस्ट से जुड़ी हुई है, जिसमें मनु की मां का नाम दर्ज नहीं है. नियमों के अनुसार इस स्थिति में जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है. लेकिन जन्म प्रमाण पत्र में पिता के तौर पर प्रबीर दास का नाम दर्ज होने के कारण सुनवाई के दौरान अधिकारियों ने मनु से जन्म देने वाले पिता का डेथ सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने को कहा.
यह सुनते ही मनु भावुक हो गयी. उसने बताया कि उसके माता-पिता का रिश्ता करीब दो दशक पहले टूट चुका है और तब से उसका अपने जैविक पिता से कोई संपर्क नहीं रहा. उसने सुना था कि कुछ वर्ष पहले उनके पिता का निधन हो गया है, लेकिन उनके मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी या पहुंच उसके पास नहीं है.प्रशासनिक भवन के सामने रोती हुई मनु ने कहा कि जिस व्यक्ति ने उसे पाला-पोसा और जिसे वह अपने पिता के रूप में जानती है, उसी का नाम उसके सभी दस्तावेजों में दर्ज है. अब जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर उससे ऐसे व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है, जिससे उसका वर्षों से कोई संबंध नहीं है.
सुनवाई के बाद बाहर निकले लोगों ने युवती को रोते देख सहानुभूति जतायी. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है. हालांकि फिलहाल कागजी प्रक्रिया और भावनात्मक सच्चाई के बीच फंसी मनु को कोई ठोस भरोसा नहीं मिल सका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

