प्रतिनिधि, हुगली पद्मश्री सम्मान प्राप्त भारतीय तैराक बुला चौधरी के घर से चोरी गये मेडल पुलिस ने 48 घंटे के अंदर बरामद कर लिये हैं. 15 अगस्त को खबर आयी थी कि चौधरी के हिंदमोटर के देवाइपुकुर स्थित घर से उनके सारे मेडल, जिनमें पद्मश्री पुरस्कार भी शामिल था, चोरी हो गये हैं. चौधरी ने घटना पर नाराजगी जतायी. रविवार की सुबह उनके चेहरे पर मुस्कान तब लौट आयी, जब उन्हें पता चलता है कि उन्होंने जितने मेडल चोरी होने की शिकायत पुलिस के पास दर्ज करायी थी, उससे कहीं अधिक मेडल पुलिस ने बरामद कर लिये हैं. पुलिस ने दो दिनों के भीतर ही 295 मेडल बरामद कर लौटा दिये हैं. हालांकि, पद्मश्री का छोटा मेडल और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय मेडल अब तक नहीं मिल पाये हैं. ऐसा खुद बुला चौधरी ने कहा. उनके अनुसार, राष्ट्रपति के हाथ से मिला असली पद्मश्री तो चोरी नहीं हुआ था. वह कसबा स्थित घर में आज भी सुरक्षित है, लेकिन जो छोटा पदक औपचारिक अवसरों पर पहनकर जाया जाता है, वह हिंदमोटर के घर से चोरी हो गया था. उत्तरपाड़ा थाने की पुलिस ने कृष्णा चौधरी नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. मेडल वापसी और चोर पकड़े जाने पर पूर्व तैराक ने संतोष जतायी है. 12 से 14 अगस्त के बीच हुई चोरी: पुलिस चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्रीरामपुर के डीसीपी अर्णब विश्वास ने कहा: 15 अगस्त की सुबह बुला चौधरी के देवाइपुकुर स्थित घर से मेडल चोरी की घटना हुई. शिकायत मिलने के तुरंत बाद चंदननगर कमिश्नरेट की पुलिस ने जांच शुरू की. चंदननगर के पुलिस कमिश्नर अमित पी जवालगी के निर्देश पर विशेष टीम बनायी गयी और सीआइडी की मदद ली गयी. अब तक 295 मेडल बरामद किये गये हैं. कृष्णा चौधरी नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. बुला चौधरी काफी परेशान थीं. हमने वादा किया था कि मेडल वापस दिलायेंगे. उन्होंने आगे कहा: शिकायत में जितने मेडल बताये गये थे, उससे भी अधिक संख्या में मेडल बरामद हुए हैं. पुलिस की जांच जारी है. उम्मीद है कि बाकी मेडल भी जल्द बरामद कर लिये जायेंगे. एक आरोपी कृष्णा चौधरी पकड़ा गया है. उसका घर रिसड़ा में है. पुलिस का मानना है कि चोरी की घटना 12 से 14 अगस्त के बीच हुई थी. पुलिस की ओर से लोगों को जागरूक करने की लगातार कोशिश किया जा रहा हैं कि घर खाली न छोड़ा जाये. विशेष काम की वजह से लंबे समय के लिए बाहर जा रहे हैं तो पुलिस को सूचित कर दें, ताकि वहां पुलिस गश्त बढ़ायी जा सकती है. फिर भी इस तरह की घटना पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने अपनी ओर से पहल शुरू कर दी है. क्या कहा बुला चौधरी ने बुला चौधरी ने कहा: ये केवल पदक नहीं, मेरे जीवन की भावनाएं हैं. छह वर्ष की आयु से मैं तैर रही हूं और देश-विदेश से अनेक सम्मान प्राप्त किये हैं. जिस दिन चोरी हुई, मेरा मन टूट गया था. मैंने मुख्य सचिव को सूचित किया था और मुख्यमंत्री से मिलने की भी सोच रही थी, लेकिन उससे पहले ही चंदननगर पुलिस आयुक्त और उनकी टीम ने इतनी तेजी से कार्रवाई कर पदक बरामद कर दिये, जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी. पद्मश्री सम्मान के समय मुझे दो पदक मिले थे. बड़ा पदक कस्बा स्थित घर में सुरक्षित है, लेकिन छोटा पदक, जिसे पहनकर मैं विभिन्न आयोजनों में जाती थी, अब तक नहीं मिला है. पुलिस भी इसकी तलाश कर रही है.
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