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मेंटल हेल्थ सर्वे के नाम पर एनआरसी के लिए ‘सर्वेक्षण’, सतर्क रहें : ममता

राज्य सचिवालय 'नबान्न’ में संवाददाता सम्मेलन में सुश्री बनर्जी ने यह भी दावा किया कि कई एजेंसियां मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं.

मुख्यमंत्री ने कल्याणी एम्स की गतिविधियों पर उठाये सवाल संवाददाता, कोलकाता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कल्याणी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा घर-घर जाकर कथित रूप से मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराया जाना राज्य में परोक्ष रूप से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने का प्रयास है. राज्य सचिवालय ”नबान्न’ में संवाददाता सम्मेलन में सुश्री बनर्जी ने यह भी दावा किया कि कई एजेंसियां मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं. उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और राज्य सरकार से तथ्य की पुष्टि किये बिना ऐसे किसी भी कार्यक्रम में भाग न लेने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने एम्स, कल्याणी पर मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के नाम पर एनआरसी के लिए डेटा एकत्रित करने व सर्वेक्षण करने का आरोप लगाया. हालांकि, एम्स, कल्याणी के एक अधिकारी ने इस आरोप को खारिज कर दिया है. अधिकारी ने दावा किया कि यह एक नियमित सर्वेक्षण था. मुख्यमंत्री ने कहा: मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के नाम पर कल्याणी स्थित एम्स अप्रत्यक्ष रूप से एनआरसी के लिए सर्वेक्षण कर रहा है. अगर कोई संगठन सर्वेक्षण के नाम पर आपके घर पहुंचता है, तो कृपया पहले राज्य सरकार से इसकी पुष्टि कर लें. नदिया जिले में कल्याणी स्थित एम्स की स्थापना केंद्र सरकार ने 2018 में की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका प्रशासन ऐसे किसी भी अध्ययन की जिम्मेदारी नहीं लेगा. सुश्री बनर्जी ने कहा: राज्य सरकार ऐसा कोई सर्वेक्षण नहीं करा रही है. कई एजेंसियां हैं जो कई संगठनों के नाम पर घर-घर जाकर आपके नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं. सतर्क रहें. राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा किसी और के साथ अपनी जानकारी साझा न करें. किसी भी पार्टी का नाम लिए बगैर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि कल्याणी स्थित एम्स परोक्ष रूप से एक राजनीतिक संगठन के लिए काम कर रहा है. उन्होंने कहा: मैं एम्स से कहूंगी कि वह मरीज़ों का अच्छे से इलाज करे. हमने जमीन दी है और कई तरह से मदद की है, और भविष्य में भी करते रहेंगे. लेकिन ऐसे खेल मत खेलिए. राज्य सरकार का अपना मानसिक स्वास्थ्य विभाग है. यह राज्य के स्वास्थ्य विभाग का काम है, आपका नहीं.

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