एसएससी की ओर से दिव्यांग दागी को इंटरव्यू के लिए बुलाने के मामले पर शीर्ष अदालत ने किया स्पष्ट
संवाददाता, कोलकातापश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने नयी नियुक्ति प्रक्रिया में दागी दिव्यांग शिक्षकों को भी आवेदन करने का मौका दिया था. कलकत्ता हाइकोर्ट ने एसएससी के इस फैसले को रद्द कर दिया था, इसके बाद एसएससी ने शीर्ष अदालत में यह मुद्दा उठाया. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि दिव्यांग हो या कोई और, किसी भी दागी को नयी नियुक्ति प्रक्रिया में नौकरी नहीं मिलनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एसएससी किसी दागी को नौकरी नहीं दे सकता. चाहे वह दिव्यांग हो या कोई और. इससे जुड़ा मामला जब सुप्रीम कोर्ट में गया, तो आयोग ने कहा कि कोर्ट का फैसला पढ़ने के बाद उन्हें लगा कि दागी दिव्यांग को नयी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का मौका दिया जा सकता है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार की बेंच ने बुधवार को साफ कर दिया कि ऐसा मुमकिन नहीं है. किसी भी दागी उम्मीदवार को नौकरी नहीं दी जा सकती.सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में 2016 के पूरे पैनल को ही रद्द कर दिया था
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के आरोप में 2016 के पूरे पैनल को ही रद्द कर दिया था, जिससे एक झटके में लगभग 26 हजार शिक्षक व गैर-शिक्षक कर्मचारियों की नौकरियां रद्द हो गयी थीं. सुप्रीम कोर्ट ने एसएससी को नयी नियुक्ति परीक्षा के जरिये नियुक्तियां करने का आदेश दिया था और कहा था कि दागी के तौर पर पहचाने गये लोग किसी भी तरह से नयी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पायेंगे. उन्हें उनकी सैलरी भी वापस करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि दागियों को किसी हाल में नौकरी नहीं दी जा सकती है.
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