कोलकाता.
राज्य के सरकारी अस्पतालों में अब हार्निया की आधुनिक माइक्रो सर्जरी उपलब्ध होगी. अभी तक केवल एसएसकेएम (पीजी) और कोलकाता मेडिकल कॉलेज जैसे चुनिंदा मेडिकल अस्पतालों में ही यह सुविधा थी, लेकिन अब राज्य सरकार की पहल पर सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में माइक्रो सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके लिए पीजी अस्पताल में 23 से 26 अप्रैल तक चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया, जिसमें राज्यभर से आये 250 से अधिक जनरल सर्जनों ने भाग लिया.यह प्रशिक्षण शिविर पीजी के जनरल सर्जरी विभाग द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें चेन्नई से वरिष्ठ जनरल सर्जन डॉ पार्थ सारथी आर और डॉ सी पलानीवेलु ने हिस्सा लिया और लाइव सर्जरी के माध्यम से डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया. इस लाइव सर्जरी का प्रसारण सीधे पीजी अस्पताल के ऑडिटोरियम में किया गया.
पीजी अस्पताल के जनरल सर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ सिराज अहमद ने बताया : राज्य के 80 फीसदी सरकारी अस्पतालों में आज भी हार्निया की ओपन सर्जरी की जाती है, जो मरीज के लिए अधिक कष्टदायक होती है. माइक्रो सर्जरी से मरीज को कम रक्तस्राव, कम दर्द और जल्दी छुट्टी जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं.पीजी निदेशक डॉ मणिमय बंद्योपाध्याय ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किये और इसे राज्य की चिकित्सा प्रणाली के लिए ”एक क्रांतिकारी कदम” बताया. डॉ अहमद ने कहा : राज्य में गॉलब्लैडर की माइक्रो सर्जरी पहले से होती है, उसी मशीन से हार्निया की भी सर्जरी संभव है- जरूरत थी, तो बस सही प्रशिक्षण की.
सर्जरी होगी नि:शुल्क
जहां निजी अस्पतालों में हार्निया की माइक्रो सर्जरी पर 1.5 से दो लाख रुपये तक खर्च हो सकता है, वहीं सरकारी अस्पतालों में यह सर्जरी अब नि:शुल्क की जायेगी. पीजी में फिलहाल हर महीने करीब 10–12 माइक्रो सर्जरी और 20–25 ओपन सर्जरी की जाती हैं, लेकिन इस प्रशिक्षण के बाद माइक्रो सर्जरी की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी की उम्मीद है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है