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झूठे मामले से बरी हुए समाजसेवी मनोज मुखर्जी

करीब नौ वर्ष बाद समाजसेवी मनोज मुखर्जी को आखिरकार न्याय मिला.

हुगली. करीब नौ वर्ष बाद समाजसेवी मनोज मुखर्जी को आखिरकार न्याय मिला. झूठे मुकदमे में फंसकर लंबे समय तक अपमान और मानसिक पीड़ा झेलने वाले मनोज मुखर्जी को सोमवार को चंदननगर महकमा अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया. फैसले के बाद उनके परिवार और समर्थकों में खुशी का माहौल है. 20 जून 2017 को चंदननगर नगर निगम के 2 नंबर वार्ड के सुरेरपुकुर इलाके के निवासी शंकर राय किसी विवाद में घायल हो गये थे. लगभग चार महीने बाद 13 सितंबर 2017 को उन्होंने चंदननगर थाने में मनोज मुखर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. शिकायत के आधार पर मनोज मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था. वह 18 दिन न्यायिक हिरासत में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए, लेकिन कानूनी लड़ाई लम्बे समय तक जारी रही.

लगभग नौ वर्षों तक चली अदालती प्रक्रिया के बाद सोमवार को अदालत ने स्पष्ट किया कि मनोज मुखर्जी के खिलाफ लगाये गये आरोप साबित नहीं हुए और उन्हें बेकसूर घोषित कर दिया.

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