कोलकाता/नयी दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने पश्चिम बंगाल में एसआइआर के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले एक ‘रहस्यमयी’ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) ऐप पर गंभीर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि इस ऐप, इसकी तकनीक और क्षमता के बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. साकेत गोखले ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर पूछा कि एआइ ऐप किसने तैयार किया? इसकी कार्य क्षमता क्या है? क्या पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसका ऑडिट हुआ है? उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग यह बता रहा है कि बंगाल में एसआइआर के दौरान वह इस एआइ ऐप का उपयोग करेगा, लेकिन ऐप की उत्पत्ति और तकनीकी विवरण पूरी तरह अस्पष्ट हैं. निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में एसआइआर प्रक्रिया के दौरान फर्जी और मृत मतदाताओं के नाम हटाने के लिए एआइ आधारित फेशियल मैचिंग तकनीक अपनायी जायेगी. यह प्रणाली मतदाता डेटाबेस में मौजूद तस्वीरों का विश्लेषण कर एक ही व्यक्ति के नाम से कई पंजीकरण की पहचान करने में मदद करेगी. गोखले ने कहा कि जब साधारण पीडीएफ सॉफ्टवेयर भी डुप्लीकेट नामों की पहचान कर सकता है, तो फिर एआइ की क्या जरूरत है? उन्होंने यह भी पूछा कि ऐप किस विक्रेता ने बनाया है और क्या उनका किसी राजनीतिक दल से संबंध है? साकेत ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा निर्वाचन आयोग को लिखे गये पत्र का भी उल्लेख किया, जिसमें 1,000 बाहरी डेटा-एंट्री ऑपरेटरों और 50 सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की तैनाती पर चिंता जतायी गयी थी. उन्होंने कहा कि इसकी क्या गारंटी है कि यह रहस्यमयी एआइ ऐप भाजपा से जुड़े किसी व्यक्ति ने नहीं बनाया? साकेत के इन सवालों के बाद राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गयी है. निर्वाचन आयोग की तरफ से इस विवाद पर फिलहाल कोई विस्तृत प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है.
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