कोलकाता. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि सही समय पर पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कराने की घोषणा की जायेगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ने नयी दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि बंगाल में एसआइआर कब होगा, इसकी घोषणा सही समय पर कर दी जायेगी. तीनों चुनाव आयुक्तों में चर्चा के बाद सही समय पर इसकी घोषणा की जायेगी.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में आखिरी एसआइआर 2002 में हुआ था. इसकी सूची भी प्रकाशित की गयी है. चुनाव आयुक्त ने कहा कि घुसपैठियों समेत अयोग्य मतदाताओं को सूची से बाहर करने के लिए यह कदम (एसआइआर) उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह संशोधन सुनिश्चित करने के लिए है कि केवल योग्य भारतीय नागरिकों को ही वोट देने का अधिकार मिले. बिहार के बाद मतदाता सूची के संशोधन का काम एक-एक कर अन्य राज्यों में भी किया जायेगा. श्री कुमार ने कहा कि पहले भी शिकायतें मिली थीं कि एक से ज्यादा लोगों के एपिक नंबर एक जैसे हैं. पश्चिम बंगाल के निवासी और हरियाणा के निवासी का एपिक नंबर एक ही था. मार्च में इस पर सवाल उठने के बाद आयोग ने देशभर में इस समस्या का समाधान किया. लगभग तीन लाख लोगों का एपिक नंबर एक ही था. इसलिए इसे बदला गया है ताकि एक ही एपिक नंबर वाले एक से ज्यादा लोग न हों. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ समय पहले दो मतदाताओं के एक ही एपिक नंबर होने का मुद्दा उठाया था.
उधर, नदिया, उत्तर व दक्षिण 24 परगना और मुर्शिदाबाद समेत सौ से ज्यादा प्रखंडों के बीएलओ को नजरुल मंच में प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. आने वाले दिनों में अन्य बीएलओ को भी चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जायेगा. सूत्र इसे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रारंभिक तैयारी के तौर पर देख रहे हैं.
क्या कहा तृणमूल ने: उधर, तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रभावशीलता पर रविवार को संदेह जताया. पार्टी ने वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाने के आयोग के किसी भी कदम का विरोध करने का संकल्प लिया. टीएमसी प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए संवाददाताओं से कहा: हम भी चाहते हैं कि एक भी मृत मतदाता का नाम मतदाता सूची में न रहे. फिर 2024 के आम चुनाव उसी मतदाता सूची के आधार पर कैसे हुए? निर्वाचन आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या 2024 के चुनाव त्रुटिपूर्ण मतदाता सूची के आधार पर हुए थे, जैसा कि हमारे नेता अभिषेक बनर्जी ने दोहराया है? मजूमदार ने कहा कि पार्टी को पश्चिम बंगाल में एसआइआर की प्रभावशीलता और निर्वाचन आयोग की मंशा पर गंभीर संदेह है. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया: माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त महोदय, कृपया यह न मानें कि हमारी औसत बुद्धिमत्ता भाजपा कार्यकर्ताओं के समान है. आज की प्रेस वार्ता के दौरान आपके दावे हास्यास्पद थे.
भाजपा ने तृणमूल पर साधा निशाना: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने निर्वाचन आयोग का समर्थन करते हुए कहा कि आयोग ने बिहार में बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं का पता लगाया है. उन्होंने सवाल किया,‘ अगर पश्चिम बंगाल में भी एसआइआर लागू होगा, तो तृणमूल कांग्रेस इसका विरोध क्यों कर रही है. क्या वे (तृणमूल कांग्रेस) डरे हुए हैं?’ सिर्फ एसआइआर लागू करने से ही 22 लाख रोहिंग्या/बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम सूची से हटेंगे और निर्वाचन आयोग की निगरानी में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संभव होंगे.
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