संवाददाता, कोलकाता
कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कैट-थ्री तकनीक से लैस किया जा रहा है. 27 नवंबर से यह पूरी तरह से कैट-थ्री तकनीक से लैस हो जायेगा, जिससे घने कोहरे में भी उड़ानों के संचालन में दिक्ककतें नहीं होगी. यह सिस्टम कम दृश्यता होने पर भी विमानों के आगमन और प्रस्थान में सुविधाजनक होगा. इस अपग्रेडेशन से यह सुनिश्चित हो जायेगा कि एयरपोर्ट पर लगभग ज़ीरो विज़िबिलिटी होने पर भी फ्लाइट्स लैंड और टेक-ऑफ कर सकेंगी.
कोलकाता एयरपोर्ट के डायरेक्टर विक्रम सिंह ने बताया ””हमने अपने मेन रनवे के दोनों तरफ कैट-थ्री फैसिलिटी लगायी है. इस रनवे में, 01आर नाम का सिरा छह साल पहले ही बहुत कम विज़िबिलिटी वाली कंडीशन में फ्लाइट्स को हैंडल करने के लिए तैयार था. दूसरा सिरा 19एल को भी अब अपग्रेड कर दिया गया है और गुरुवार से इसे कैट-थ्री के अनुरूप घोषित कर दिया जायेगा. दूसरा रनवे कैट-वन के अनरूप है.
हर साल दिसंबर से फ़रवरी तक घना कोहरा उड़ानों में देरी का कारण बनता है. उन्होंने कहा, ””रनवे के दोनों छोर अब कम दृश्यता की स्थिति में भी उड़ानों का संचालन करने की स्थिति में हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि इस सर्दी में उड़ानों में कोई देरी नहीं होगी.””
उड़ानों के पायलटों को भी कैट-थ्री वातावरण में उड़ान भरने के लिए प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है. कोलकाता एयरपोर्ट के निदेशक ने कहा, ””आजकल ज़्यादातर एयरलाइंस ने पायलटों के लिए यह प्रशिक्षण शामिल कर लिया है.”” हवाई अड्डे पर प्रतिदिन औसतन 370 हवाई यातायात आवागमन (आगमन और प्रस्थान) होते हैं तथा लगभग 70,000 यात्री प्रतिदिन कोलकाता हवाई अड्डे का उपयोग करते हैं. यद्यपि यहां से घरेलू उड़ानें अधिकांश शहरों के लिए उपलब्ध हैं, यहां तक की सिंगापुर, दुबई, थाईलैंड, अबू धाबी और चीन के लिए भी सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी संचालित करता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

