कल्याणी. जैसे ही नदिया जिला के देउली ग्राम पंचायत के लाभार्थियों के खाते में बांग्ला आवास योजना के तहत पैसा आया, हर व्यक्ति से 600 रुपये काट लिये गये. पंचायत द्वारा इसे ””विकास शुल्क”” बताया गया है. रुसल्लापुर इलाके सहित पंचायत के अन्य भागों में भी इसी तरह के आरोप सामने आये हैं. इस वसूली को लेकर लोगों में नाराजगी है, खासकर उन लोगों में जो टिन की छत वाले घरों में रहकर किसी तरह अपना जीवनयापन कर रहे हैं. जैसे ही मामला सामने आया, आरोप लगे कि कई पंचायतों ने लाभार्थियों से कूपन के जरिये पैसा जमा करवाया है. हालांकि कुछ लाभार्थियों के पास अभी भी वो कूपन मौजूद हैं, जिससे पूरे मामले की गंभीरता और बढ़ गयी है. मंगलवार को मिदनापुर में एक प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिये अगर कोई पैसे मांगे तो लोग सीधे थाने जाकर प्राथमिकी दर्ज करायें. उन्होंने कहा, “अगर हम कोई वादा करते हैं, तो हम उसे निभाना जानते हैं. ” मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल को पिछले तीन वर्षों से केंद्र की ओर से पैसा नहीं मिला, इसलिये राज्य सरकार ने खुद आवास निर्माण का जिम्मा लिया है.
मुख्यमंत्री की इस सख्त चेतावनी के बावजूद देउली पंचायत में हुई वसूली ने दिखा दिया कि जमीनी स्तर पर स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है.
देउली ग्राम पंचायत के प्रधान से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि 600 रुपये की यह राशि आवास का नक्शा तैयार करवाने के लिए ली गयी थी. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि उनसे इस मामले में गलती हुई है. वहीं भाजपा ने इस पूरी घटना की जांच की मांग की है और कहा है कि गरीब लोगों के साथ अन्याय हुआ है, इसके लिये जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिये.
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