कोलकाता. प्रेस क्लब, कोलकाता और चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट (सीआइएनआइ) के सहयोग से ‘बाल सुरक्षा’ विषय पर मीडिया सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में सीआइएनआइ की सीईओ डॉ इंद्राणी भट्टाचार्य ने कहा कि बाल मुद्दों पर हर पत्रकार को संवेदनशीलता के साथ रिपोर्टिंग करनी चाहिए. किसी भी मामले में बच्चे की सामाजिक क्षति न हो, इसका ध्यान रखते हुए नैतिक जिम्मेदारी के साथ बाल मुद्दों पर मीडिया को काम करना चाहिए. केवल अपने चैनल की लोकप्रियता के लिए बच्चों के अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती. यह संवैधानिक अपराध माना जायेगा. बच्चों की सुरक्षा के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, जिला चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी और चाइल्ड हेल्पलाइन भी जारी की गयी है. फिर भी बच्चों की सुरक्षा व निजता का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. सोशल मीडिया पर किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर बच्चे का फोटो या वीडियो डालना अनैतिक है. हाल ही में टीनएज प्रेग्नेंसी के भी मामले सामने आये हैं. ऐसे में दोषी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है, जेल भी हो सकती है. सीआइएनआइ के संस्थापक सचिव डॉ समीर चौधरी ने कहा कि एक जिम्मेदार पत्रकार के रूप में खबर को सनसनीखेज बनाने के बजाय बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ स्नेहाशीष सुर ने कहा कि बच्चों पर रिपोर्टिंग के लिए यूनिसेफ ने भी कुछ नियम बनाये हैं. बाल मुद्दों पर लिखने या रिपोर्टिंग करते समय उनकी सुरक्षा, निजता और गरिमा का ध्यान रखा जाना चाहिए. कार्यशाला में सीआइएनआइ की गवर्निंग बॉडी की सदस्य डॉ नीलांजना दासगुप्ता ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बनाया गया है. परिचर्चा में पत्रकार सप्तर्षि सोम व मनिंद्र चंद्र कॉलेज के जर्नलिज्म विभाग के अध्यक्ष डॉ विश्वजीत दास ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम में पार्थ भट्टाचार्य द्वारा लिखित पुस्तक ‘आकाश छोआ माटीर गोल्पेर संकलन’ का भी विमोचन किया गया. धन्यवाद ज्ञापन प्रेस क्लब के सचिव किंशुक प्रमाणिक ने दिया.
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