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प्रशांत किशोर दो जगह मतदाता, आयोग ने भेजा नोटिस

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज पाया जाने के बाद विवाद बढ़ गया है.

कोलकाता के भवानीपुर और बिहार के रोहतास में मतदाता सूचियों में दर्ज है नाम, बढ़ा विवाद

एजेंसियां, पटना/कोलकाताजन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की मतदाता सूची में दर्ज पाया जाने के बाद विवाद बढ़ गया है़ पश्चिम बंगाल के निर्वाचन अधिकारी के अनुसार प्रशांत किशोर का पता 121, कालीघाट रोड, कोलकाता दर्ज है, जो तृणमूल कांग्रेस का मुख्यालय है. यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा क्षेत्र भवानीपुर में आता है. उनका मतदान केंद्र सेंट हेलेन स्कूल बताया गया है. वहीं, बिहार में वे रोहतास जिले के करगहर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं, जहां उनका मतदान केंद्र मध्य विद्यालय, कोनार है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 के तहत किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज नहीं हो सकता. इस उल्लंघन पर चुनाव आयोग ने किशोर को तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी किया है. आयोग ने चेतावनी दी कि धारा 31 के तहत यह अपराध एक वर्ष के कारावास या जुर्माने योग्य है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुमार सौरभ सिंह ने कहा कि यह मामला चुनाव आयोग की कार्रवाई और मतदाता सूची अद्यतन प्रक्रिया की कमियों को उजागर करता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि किशोर ने पहले पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम किया था और अब बिहार में सक्रिय हैं. सौरभ ने स्पष्ट किया कि पार्टी किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं है और यदि आयोग को लगे कि कहीं त्रुटि हुई है, तो कानूनी टीम पूरी तरह से जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने चुनाव आयोग की सतर्कता पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे मामलों में पूरी जांच होनी चाहिए, न कि केवल सामान्य धारा में नामांकन हटाने या जोड़ने तक सीमित रहना चाहिये.

पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान किशोर ने तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम किया था. निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि धारा 18 एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक से ज्यादा प्रविष्टियों पर रोक लगाती है. मतदाताओं को निवास बदलने पर अपना नामांकन स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म-8 भरना जरूरी है.

निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया है कि मतदाता प्रविष्टियों का दोहराव बार-बार सामने आने वाला मुद्दा है और उन्होंने इसे पूरे देश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) शुरू करने का एक कारण बताया है.

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