कोलकाता नगर निगम की 600 से अधिक आशा कर्मियों को मिलेगा प्रशिक्षण
संवाददाता, कोलकाता.
स्तन कैंसर आज महिलाओं में सबसे आम और जानलेवा बीमारी बनकर सामने आ रहा है. पश्चिम बंगाल में भी इसकी रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने स्तन कैंसर की रोकथाम और इलाज के लिए विशेष योजना पिंक कॉरिडोर शुरू की है.
एसएसकेएम (पीजी) के सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ दीप्तेंद्र कुमार सरकार ने शुक्रवार को कोलकाता नगर निगम की बैठक में बताया कि इस योजना के तहत निगम की आशा कर्मियों को प्रशिक्षित किया जायेगा. आशा कर्मी घर-घर जाकर महिलाओं से लक्षणों के बारे में पूछेंगी, जैसे- स्तन में गांठ या ट्यूमर, खून का रिसाव, आकार में बदलाव. शुरुआती लक्षण मिलने पर मरीज को ब्लॉक स्तरीय अस्पताल ले जाया जायेगा. जांच के बाद आवश्यकता पड़ने पर जिला कैंसर केंद्र में रेफर किया जायेगा. डॉ सरकार ने बताया कि 2021 से ग्रामीण क्षेत्रों में यह योजना काफी सफल रही है, लेकिन शहरों में उतनी प्रभावी नहीं हो पायी. इसलिए अब कोलकाता में निगम के 600 से अधिक आशा कर्मियों को 25 अक्टूबर को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
बता दें कि भारत में हर आठ में से एक महिला को स्तन कैंसर होने की आशंका. कोलकाता में 33 में से एक महिला इस बीमारी का शिकार होती हैं.पुरुष भी इससे अछूते नहीं हैं. हर 99 महिला मरीजों के पीछे एक पुरुष मरीज भी सामने आता है. देश में इस समय लगभग छह लाख नये मामले सामने हैं.
जल्द लॉन्च होगा एआइ आधारित ऐप
राज्य स्वास्थ्य विभाग जल्द ही स्तन कैंसर के मरीजों के लिए एक एआइ-आधारित एप लॉन्च करेगा. आशा कर्मियों द्वारा जैसे ही किसी महिला को चिह्नित किया जाएगा, ऐप पर संकेत (बत्ती) जल उठेगा. यह बत्ती तब तक जलेगी जब तक मरीज का इलाज शुरू नहीं हो जाता. इस तरह मरीज को उपचार की पूरी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी. प्रोफेसर सरकार ने बताया कि राज्य में 37 कैंसर डिस्ट्रिक्ट सेंटर खोले गये हैं. इन केंद्रों पर कीमोथेरेपी और अन्य कैंसर संबंधित उपचार की सुविधा मिलेगी.
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