कोलकाता.
संदेशखाली हिंसा के मामले में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान नेता शेख शाहजहां ने सीबीआइ की जांच पर सवाल उठाते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में लिखित हलफनामा किया है. उसने दावा किया है कि जांच एजेंसी उसके खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी है. शेख शाहजहां के वकीलों ने न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की अदालत में जो लिखित दलील पेश की है, उसमें कहा गया है कि सीबीआइ यह साबित करने में विफल रही है कि इडी अधिकारियों पर हुए हमले के समय शाहजहां अपने घर पर मौजूद था. वकीलों ने तर्क दिया कि सिर्फ मोबाइल टावर के लोकेशन से किसी शख्स की सटीक उपस्थिति का पता नहीं लगाया जा सकता. यह केवल दर्शाता है कि संबंधित व्यक्ति उस टावर की सीमा में मौजूद था. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सीबीआइ ने जो हथियार बरामद किये हैं, वे शेख शाहजहां के नहीं हैं, बल्कि अबू तालेब शेख के घर से मिले हैं. वकीलों का यह भी कहना है कि अब तक कोई भी गवाह यह नहीं कह पाया है कि शेख शाहजहां के इशारे पर इडी अधिकारियों या केंद्रीय बलों पर हमला किया गया था. न ही इस बात का कोई प्रमाण है कि शाहजहां ने भीड़ जुटाने में कोई भूमिका निभायी थी.सीबीआइ ने भले ही फोन रिकॉर्डिंग का हवाला दिया हो, लेकिन अदालत में बातचीत का ट्रांसक्रिप्शन तक पेश नहीं किया गया. शेख शाहजहां ने अपने बयान में खुद को मछली और ईंट व्यवसायी बताया और कहा है कि अगर अदालत चाहे, तो वह जमानत के लिए कोई भी शर्त मानने को तैयार है.
सीबीआइ ने जमानत अर्जी का किया विरोध
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीबीआइ ने शेख शाहजहां की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अदालत में कहा था कि पांच जनवरी 2024 को जब इडी की टीम केंद्रीय बलों के साथ राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में उसके घर पर छापा मारने गयी थी, तब वहां हमला हुआ था. उस मामले में तृणमूल कांग्रेस के दबदबे वाले इस नेता का नाम पहले से ही जुड़ा हुआ है. अदालत गर्मी की छुट्टियों के बाद इस मामले पर फैसला सुनायेगी.
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