कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस ने वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय पर बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने एक ऐसे कारोबारी को भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस का आयोजन सौंपा है, जिन पर कई आर्थिक अपराधों का आरोप है. तृणमूल ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर प्रधानमंत्री और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रालय ने प्रेम चंद गर्ग को आयोजन की जिम्मेदारी दी है. पार्टी ने आरोप लगाया कि गर्ग पर बैंक फ्रॉड, माइनिंग स्कैम और गोल्ड स्मगलिंग जैसे मामलों में गंभीर आरोप हैं. बावजूद इसके केंद्र सरकार ने उन्हें नॉन-बासमती राइस डेवलपमेंट फंड बोर्ड में भी शामिल किया है. तृणमूल ने पोस्ट में लिखा : जब भ्रष्टाचार की बात आती है, तो मोदी सरकार का कोई मुकाबला नहीं. यह वही सरकार है, जो विकास और पारदर्शिता की बात करती है, लेकिन उसके सहयोगी भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी हैं. पार्टी के एक नेता ने कहा : भाजपा के विकसित भारत का असली चेहरा यही है. जिस व्यक्ति पर 900 करोड़ से अधिक के बैंक घोटाले और तस्करी के आरोप हों, उसे सरकार सम्मानित कर रही है. यह देश की छवि के लिए शर्मनाक है. तृणमूल ने गर्ग के खिलाफ पुराने मामलों का भी हवाला दिया है. पार्टी ने दावा किया कि 2021 में सीबीआइ ने गर्ग और उनकी पत्नी पर पांच बैंकों को 979.15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. वहीं, कर्नाटक की एक अदालत ने उन्हें 2,500 करोड़ रुपये के लौह अयस्क घोटाले में दोषी पाया था. मामले पर केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है. हालांकि भाजपा ने तृणमूल के आरोपों को राजनीतिक प्रोपेगेंडा बताया है. पार्टी का कहना है कि सम्मेलनों में व्यापारिक प्रतिनिधियों का चयन औपचारिक प्रक्रिया के तहत होता है, इसमें किसी व्यक्ति के खिलाफ पुराने मामलों की जांच का कोई सीधा संबंध नहीं है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तृणमूल इस मुद्दे को आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर पर उठा सकती है.
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