इआरओ-नेट पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराने के चलते किया गया जबाव-तलब
संवाददाता, कोलकातापश्चिम बंगाल में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत चुनाव संबंधी निर्देशों का कथित रूप से पालन न करने पर लगभग एक हजार बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने जारी किये गये नोटिस का हवाला देते हुए कहा कि संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (इआरओ) के बार-बार अनुरोध के बावजूद अधिकारी इआरओ-नेट पोर्टल पर बीएलओ के रूप में अपना नाम पंजीकृत करने में कथित रूप से विफल रहे हैं. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा: नोटिस के अनुसार, ऐसी विफलताएं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 32 के तहत जानबूझकर की गयी लापरवाही और कर्तव्य की गंभीर उपेक्षा के बराबर हैं, जिसमें यह अनिवार्य है कि चुनावी कार्य के लिए नियुक्त सभी अधिकारी भारत के निर्वाचन आयोग (इसीआइ) द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें. इन नोटिस में यह भी कहा गया है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान बीएलओ को भारत निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माना जायेगा और वे उसके पर्यवेक्षण एवं अनुशासनात्मक नियंत्रण के अधीन होंगे. बीएलओ को तीन दिन के भीतर यह बताने को कहा गया है कि जानबूझकर लापरवाही बरतने और सरकारी आदेश का पालन न करने के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक या दंडात्मक कार्रवाई क्यों न शुरू की जाये. अधिकारी ने कहा कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर जवाब न देने की स्थिति में यह मान लिया जायेगा कि उनके पास कोई वैध औचित्य नहीं है और कानून एवं विभागीय नियमों के अनुसार कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

