कोलकाता. राज्य के सिंचाई व जलमार्ग मंत्री मानस भुइयां ने कहा है कि उत्तर बंगाल की बाढ़ समस्या के स्थायी समाधान के लिए नदी आयोग का गठन अत्यंत आवश्यक है, जिसमें बंगाल सरकार को भी शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने चेताया कि यदि ऐसा नहीं होता है, तो भूटान की पहाड़ी नदियों का कहर बंगाल पर जारी रहेगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर भुइयां वर्तमान में उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं, जहां वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने मॉनसून से पहले अग्रिम उपायों की समीक्षा की. जलपाईगुड़ी सर्किट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंचाई मंत्री ने कहा: हर साल सिक्किम से आने वाले तीस्ता के पानी से हमें परेशानी होती है. 2023 की बाढ़ के बाद नदी का तलछट स्तर ऊपर उठ गया है, जिसकी ड्रेजिंग की जायेगी. अब तक 23 जगहों को चिन्हित किया गया है और जल्द ही तीस्ता नदी में ड्रेजिंग का काम शुरू किया जायेगा. उन्होंने यह भी बताया कि भूटान से आने वाली नदियों के पानी से भी उत्तर बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है. भुइयां ने कहा कि हमने इन तीन दिनों में अपने इंजीनियरों के साथ सिलीगुड़ी, अलीपुरदुआर, जलपाईगुड़ी जिलों के विभिन्न इलाकों का दौरा किया है. इसकी रिपोर्ट जल्द ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपी जायेगी. केंद्र पर फंड नहीं देने का आरोप राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के लिए केंद्र द्वारा फंड न दिये जाने की शिकायत करते हुए सिंचाई मंत्री ने कहा: केंद्र सरकार इन सभी कार्यों के लिए हमें एक पैसा भी नहीं दे रही है. हमने केंद्र को कई बार पत्र लिखा है, लेकिन केंद्र कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पूरे देश के लिए बाढ़ नियंत्रण हेतु आवंटित 412 करोड़ रुपये को अपर्याप्त बताया. भुइयां ने दोहराया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा उत्तर बंगाल के लोगों के विकास के लिए काम कर रही हैं. अपने दौरे के दौरान सिंचाई मंत्री ने उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों, विधायकों और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकें भी कीं.
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