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आइआइएम कलकत्ता और एसआरएफटीआइ के बीच करार

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कलकत्ता (आइआइएम, कलकत्ता) और सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एसआरएफटीआई) के बीच गुरुवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये.

संवाददाता, कोलकाता

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कलकत्ता (आइआइएम, कलकत्ता) और सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (एसआरएफटीआई) के बीच गुरुवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये. यह एमओयू एसआरएफटीआई कैंपस में आइआइएम, कलकत्ता के निदेशक प्रोफेसर आलोक कुमार राय और एसआरएफटीआई के वाइस-चांसलर प्रोफेसर समीरन दत्ता की मौजूदगी में साइन किया गया. यह एमओयू भारत के एक बड़े बिजनेस स्कूल और मीडिया में बेहतरीन काम करने वाले एक बड़े इंस्टीट्यूट के बीच पहला सहयोग है. यह एकेडमिक, रिसर्च और प्रोफेशनल सहयोग के लिए एक बेहतरीन फ्रेमवर्क तैयार करता है.इस सहयोग का उद्देश्य मैनेजमेंट के सिद्धांतों और क्रिएटिविटी के विषयों को एक साथ लाना है, जिससे सीखने, लीडरशिप और इनोवेशन में नए नजरिये को बढ़ावा दिया जा सके.इस पार्टनरशिप का मकसद मैनेजमेंट एजुकेशन, कंसल्टिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग में आइआइएम कलकत्ता की ताकत को एसआरएफटीआई की फिल्म, मीडिया और स्टोरी टेलिंग में बेहतरीन काम के साथ मिलाना है. इससे ऐसे असरदार प्रोग्राम बनाये जा सकेंगे.

, जो बिजनेस स्ट्रेटेजी को क्रिएटिव प्रैक्टिस से जोड़ सकें. इस फ्रेमवर्क के तहत, दोनों इंस्टीट्यूशन जॉइंट रिसर्च, टीचिंग और कंसल्टेंसी इनिशिएटिव के साथ-साथ कैपेसिटी-बिल्डिंग और स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी करेंगे, जो क्रॉस-डिसिप्लिनरी लर्निंग को बढ़ावा देंगे. यह पार्टनरशिप आपसी लेन-देन और मिलकर काम करने वाले प्रोजेक्ट्स को आसान बनाएगी, जिससे एनालिटिकल सख्ती और कलात्मक एक्सप्रेशन के बीच तालमेल बढ़ेगा. आइआइएम-सी के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि इस करार का मकसद एक अनोखा एकेडमिक और प्रोफेशनल इकोसिस्टम बनाना है, जो मैनेजमेंट के नजरिये से क्रिएटिविटी और मीडिया इनसाइट का लाभ उठा सके.

इससे भारत की क्रिएटिव इकोनॉमी के विकास में मदद मिलेगी और स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और रिसर्चर्स के लिए मौके बढ़ेंगे.इस पहल को अपनाते हुए आइआइएम, कलकत्ता के निदेशक प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा कि इस एमओयू का लक्ष्य सहयोग बढ़ाना, जॉइंट रिसर्च को बढ़ावा देना, और स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री से जुड़ी ज्यादा ट्रेनिंग और मौके देना है.

उन्होंने विश्वास जताया कि- “इससे दोनों संस्थानों के बीच एजुकेशनल बातचीत को बढ़ावा मिलेगा. हमें यकीन है कि इस करार से छात्रों को लाभान्वित करने का मकसद पूरा होगा. ”

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