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कचरा संग्रह करने के दौरान म्यूजिक सुनायेगा केएमसी

ऑडियो सिस्टम से लैस वाहनों का इस्तेमाल करेगा कचरा प्रबंधन विभाग

उन वार्डों में यह पहले शुरू होगा जहां सूखे और गीले कचरे का अलग-अलग संग्रह कम हो रहा

कोलकाता. महानगर में कोलकाता नगर निगम (केएमसी) कचरा सेग्रीगेशन (पृथक्करण) कर पर जोर दे रहा है. ताकि, सूखे और गीले कचरे को अलग किया जा सके. ऐसे में कोलकाता नगर निगम अपनी इस योजना के क्रियान्वयन के लिए अब कचरा संग्रह करने के दौरान लोगों को म्यूजिक सुनायेगा. इसके लिए निगम का ठोस कचरा प्रबंधन विभाग ऑडियो सिस्टम से लैस बैटरी चालित वाहनों का इस्तेमाल करेगा. कूड़ा संग्रह करने के दौरान पृथक्करण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए महानगर वासियों को गाने सुनाये जायेंगे. लेकिन उन वार्डों में ही यह पहल की जायेगी जहां सूखा और गीला कचरा अलग-अलग संग्रह नहीं हो पा रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले इस तरह के कचरे को संग्रह करने के लिए निगम के सफाई कर्मी सीटी बजाते थे. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में निगम के सफाई कर्मी प्रतिदिन हर इलाके से सूखे और गीले कचरे को संग्रह करते हैं. इसके बाद निगम के कर्मी सूखा व गीला कचरा जैसे रसोई का कचरा, प्लास्टिक, कांच, धातु आदि को अलग करते हैं. निगम कचरा प्रबंधन विभाग के श्रमिक सप्ताह में तीन दिन इस कार्य को करते हैं.

निगम के ठोस कचरा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एक हास्यपूर्ण या व्यंग्यात्मक सहित तीन प्रकार के गाने सुनाये जाने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वे पहले चरण में कुछ ऐसे वार्डों का चयन करेंगे जो कचरा अलग करने में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि लोकप्रिय गीतों के माध्यम से घर पर कचरा अलग करने की आवश्यकता के बारे में वे जो संदेश फैलाना चाहते हैं, उसके अच्छे परिणाम सामने आयेंगे. हालांकि, निगम फिलहाल ‘सीटी बजाने की व्यवस्था’ को जारी रखेगा.

गौरतलब है कि कचरा पृथक्करण को बढ़ावा देने के लिए, निगम ने दिसंबर 2022 से 8 लाख घरों में 16 लाख बाल्टियां वितरित की हैं. एक सूखे कचरे के लिए और दूसरी गीले कचरे के लिए.इसके बावजूद, कचरा पृथक्करण नहीं हो पा रहा है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक (पॉली बैग) कोलकाता में कचरा प्रबंधन के लिए चुनौती बना हुआ है. कचरा पृथक्करण को दिसंबर 2022 में शुरू किया गया था लेकिन शहर के सभी 144 वार्डों से अभी तक ठीक तरह के सूखे और गीले कचरे को निगम संग्रह नहीं कर पा रहा है. हालांकि, निर्माण अपशिष्ट को राजारहाट में एक पत्थर और कंक्रीट क्रशिंग इकाई में ले जाया जाता है, लेकिन गीला कचरा, प्लास्टिक पॉलीबैग की उपस्थिति में समस्या बना हुआ है.

दक्षिण कोलकाता में रंग ला रहा निगम का नया प्रयास

निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दक्षिण कोलकाता के कई इलाकों में पृथक्करण के प्रयास धीरे-धीरे रंग ला रहे हैं. उत्तर और मध्य कोलकाता इस मामले में काफी पीछे हैं. निगम के एक आला अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि, जादवपुर-टॉलीगंज क्षेत्र के कुछ वार्डों में कचरा पृथक्करण की गति धीरे-धीरे धीमी हो गयी है. गोल्फ ग्रीन, विजयगढ़, नेताजीनगर, बांसद्रोणी, रानीकुठी, जादवपुर और बाघाजतिन जैसे क्षेत्रों में पहले 40% घरों से अलग-अलग कचरे के संग्रह किया जा रहा था. लेकिन हाल के दिनों में इसमें गिरावट देखी गयी है. पाटुली, गरिया और न्यू अलीपुर जैसे पड़ोस 30% अनुपालन पर हैं. लेकिन उत्तर और मध्य कोलकाता के क्षेत्र जैसे बहुबाजार, सियालदह, मानिकतला, गिरीश पार्क, बीडन स्ट्रीट और जोड़ासांको में 20% से भी कम सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग संग्रह किया जा रहा है.

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