कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सांसद बने अभिजीत गांगुली शुक्रवार को शिक्षकों के भूख हड़ताल स्थल पर पहुंचे, जहां उनको देखते ही ‘वापस जाओ’ के नारे लगे. शीर्ष अदालत के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों का एक वर्ग कल से भूख हड़ताल पर है. आंदोलनकारियों ने कहा कि वे अपने आंदोलन में राजनीतिक हस्तियों को नहीं चाहते हैं, जबकि गांगुली ने मौके से जाने से पहले दावा किया कि उनके खिलाफ लगाये गये नारों के पीछे वामपंथ समर्थित प्रदर्शनकारियों का हाथ है. पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) कार्यालय के पास गांगुली ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यहां केवल नैतिक समर्थन देने आया था. मैंने उस प्रकरण को करीब से देखा है, जिसमें 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के कारण 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षकों अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. मैं मदद करना चाहता था.’ पूर्व न्यायाधीश ने पूर्व राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली के साथ गुरुवार को भी ‘आचार्य सदन’ स्थित धरनास्थल का दौरा किया था, ताकि नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की जा सके, लेकिन तब उन्हें किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा.
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