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बीएसएफ नहीं होती तो पुलिस को खत्म कर देते दंगाई : शुभेंदु अधिकारी

नेता प्रतिपक्ष ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय सुरक्षा बल की स्थायी रूप से तैनाती की उठायी मांग

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नेता प्रतिपक्ष ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय सुरक्षा बल की स्थायी रूप से तैनाती की उठायी मांग

कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को सॉल्टलेक में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यदि बीएसएफ के जवान नहीं होते तो मुर्शिदाबाद में दंगाई पुलिस को भी खत्म कर देते. विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा करते हुए कहा कि बीएसएफ की वजह से वहां स्थिति नियंत्रण में आयी. यदि बीएसएफ न होती तो पुलिस का सफाया हो गया होता. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में 35 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. उन्होंने मुर्शिदाबाद में स्थायी रूप से केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की. हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार, 15 मई तक केंद्रीय सुरक्षा बल मुर्शिदबाद में तैनात रहेंगे. गौरतलब है कि पिछले माह वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुई सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को मुर्शिदाबाद और मालदा जिले के लोगों को लेकर भाजपा ने साल्टलेक में विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर श्री अधिकारी ने कहा कि मुर्शिदाबाद के स्थानीय निवासी चाहते हैं कि केंद्रीय बलों की स्थायी तौर पर तैनाती हो, क्योंकि इलाके के लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं है.

विपक्ष के नेता ने कहा : जगन्नाथ महाप्रभु का अपमान सनातनी नहीं करेंगे बर्दाश्त

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुरी की तर्ज पर दीघा में नवनिर्मित मंदिर का नाम जगन्नाथ धाम रखने पर हुए विवाद पर मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए इसे जगन्नाथ महाप्रभु का अपमान बताया. उन्होंने कहा कि दीघा मंदिर वास्तव में एक सांस्कृतिक केंद्र है. श्री अधिकारी ने कहा कि दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक केंद्र है, गलत जानकारी न फैलाएं. भाजपा नेता ने कहा कि दीघा में जगन्नाथ मंदिर सरकारी पैसे से बनाया गया है, 250 करोड़ रुपये से. उन्होंने इसका टेंडर व वर्क ऑर्डर का हवाला देते हुए कहा कि उसमें यह स्पष्ट है कि यह मंदिर नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक केंद्र है. श्री अधिकारी ने जोर देकर कहा कि यह महाप्रभु का अपमान है, मैं भी महाप्रभु का भक्त हूं और उनका अपमान सनातनी बर्दाश्त नहीं करेंगे. इससे पहले नामकरण विवाद पर ममता ने सोमवार को पुरी के जगन्नाथ मंदिर और दीघा जगन्नाथ मंदिर सहित सभी धार्मिक संस्थानों का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया था. ममता ने कहा था कि हम पुरी मंदिर व जगन्नाथ धाम का सम्मान करते हैं. काली मंदिर और गुरुद्वारे पूरे देश में पाये जाते हैं. मंदिर सभी क्षेत्रों में मौजूद हैं. इस मुद्दे पर इतना ईर्ष्या क्यों है? मालूम हो कि दीघा मंदिर को जगन्नाथ धाम नाम दिये जाने का ओडिशा में जोरदार विरोध हो रहा है. ओडिशा सरकार का कहना है कि पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर प्राचीन धाम है, जिसका पौराणिक महत्व है. सनातनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह चार धामों में से एक है. ऐसे में बंगाल सरकार द्वारा दीघा में नवनिर्मित मंदिर को जगन्नाथ धाम कहना गलत है.

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