आरोपी कल्याणमय के वकील भड़के, सीबीआइ के वकील कोर्ट रूम से बाहर निकले कोलकाता. एसएससी के जरिये राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप-सी पदों की नियुक्तियों के घोटाले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को अलीपुर अदालत स्थित स्पेशल सीबीआइ कोर्ट में अभूतपूर्व हंगामा मच गया. अदालत में गवाही की प्रक्रिया के बीच आरोपियों के वकीलों और सीबीआइ के वकीलों के बीच तीखी बहस हो गयी. स्थिति इतनी बिगड़ गयी कि सीबीआइ के वकीलों को कोर्ट कक्ष से बाहर निकलना पड़ा. मामले की सुनवाई के दौरान वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली के वकीलों और सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक के बीच बहस बढ़ती चली गयी. यह घटना उस समय हुई, जब सीबीआइ एसएससी के तत्कालीन तकनीकी अधिकारी राजेश लायेक से पूछताछ कर रही थी. गवाह से प्रश्नोत्तर के दौरान गांगुली के वकीलों ने भी प्रतिप्रश्न करना शुरू कर दिया, जिस पर दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया. सूत्रों के अनुसार, अदालत में हंगामा इतना बढ़ गया कि न्यायाधीश की मौजूदगी में ही दोनों पक्षों के बीच जोरदार तकरार हुई. बताया गया कि सीबीआइ के एक सहायक वकील ने बचाव पक्ष के वकील के प्रति टिप्पणी की, जिस पर बचाव पक्ष भड़क उठा और स्थिति तनावपूर्ण हो गयी. अदालत में मौजूद लोगों ने बताया कि आरोपित पक्ष के वकीलों ने सीबीआइ के वकीलों की ओर बढ़ते हुए तीखे शब्दों में विरोध जताया. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए न्यायाधीश को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने सीबीआइ के सहायक वकील को कोर्ट रूम से बाहर जाने का निर्देश दिया. कुछ समय के लिए सुनवाई स्थगित रखी गयी. वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि अदालत में इस तरह की घटना ‘अभूतपूर्व’ है. थोड़ी देर बाद सरकारी पक्ष के वकील दोबारा अदालत में लौटे और गवाही की प्रक्रिया फिर शुरू की गयी. मंगलवार को ग्रुप-सी पदों के नियुक्तियों घोटाले से जुड़े तीन मामलों की सुनवाई के तहत सीबीआइ ने तत्कालीन तकनीकी अधिकारी राजेश लायेक का दूसरे चरण का बयान दर्ज किया. लायेक ने अदालत में बताया, “कर्मचारियों की नियुक्ति के दौरान उच्चाधिकारियों के निर्देश पर नियुक्ति पत्र जारी करना मेरी जिम्मेदारी थी. वर्ष 2018 में लगभग पांच से छह हजार नियुक्ति पत्र जारी किये गये थे. आरोप है कि कोविड लॉकडाउन के दौरान भी कुछ नियुक्ति पत्र जारी किये गये थे और यह प्रक्रिया तत्कालीन चेयरमैन कल्याणमय गांगुली और एसएससी सलाहकार समिति के पूर्व चेयरमैन शांति प्रसाद सिंह के निर्देश पर जारी रही. इडी द्वारा दर्ज एक अलग मामले में गांगुली को हाल ही में कोलकाता हाइकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन वह अभी भी जेल से रिहा नहीं हुए हैं, क्योंकि सीबीआइ के मामले में उन्हें फिलहाल न्यायिक हिरासत में रहना होगा.
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