खड़गपुर
. करीब 40 वर्षों तक सेना में सेवा देने और अलग-अलग समय पर मतदान करने के बावजूद एसआइआर सुनवाई का नोटिस मिलने से एक सेवानिवृत्त सेना जवान नाराज नजर आये. सुनवाई में शामिल होने पहुंचे सेवानिवृत्त जवान का नाम अमिय रंजन दत्ता है. नोटिस मिलने के बाद से वह काफी गुस्से में हैं.अमिय रंजन दत्ता पश्चिम मेदिनीपुर जिले के दांतन दो नंबर प्रखंड के तालदा पंचायत अंतर्गत नारायणचक इलाके के निवासी हैं. उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग को उनका नाम वर्ष 2002 की मतदाता सूची में नहीं मिला, जिससे वह काफी चिंतित हैं. अमिय रंजन वर्ष 1972 से केंद्र सरकार के अधीन सीआइएसएफ में कार्यरत थे और वर्ष 2010 में सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने दावा किया कि नौकरी के दौरान उन्होंने विभिन्न स्थानों पर डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान किया था. सेवानिवृत्ति के बाद से वह अपने बूथ पर नियमित रूप से मतदान करते आ रहे हैं. 2002 की मतदाता सूची में नाम नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस उम्र में एसआइआर प्रक्रिया के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वह खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं. उनका कहना है कि 75 वर्ष की उम्र में उन्हें इस तरह की परेशानी क्यों झेलनी पड़ रही है, यह उनकी समझ से बाहर है.दांतन दो ब्लॉक में एसआइआर की सुनवाई के दौरान उन्होंने हाथ में नोटिस लेकर अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान उन्होंने सवाल उठाया कि इतने वर्षों तक देश की सेवा और मतदान करने के बावजूद उनका नाम सूची से कैसे गायब हो सकता है.
दांतन दो पंचायत समिति के कार्यकारी और ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष इफ्तिखार अली ने कहा कि एसआइआर के माध्यम से आम लोगों को परेशान किया जा रहा है. उनका आरोप है कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया के कारण लोगों को अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो अस्वीकार्य है.वहीं इलाके के बीडीओ अभिरूप भट्टाचार्य ने कहा कि कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण चुनाव आयोग की ओर से नोटिस जारी किया गया था. सुनवाई के दौरान सभी पहलुओं पर गौर किया गया है और अब संबंधित व्यक्ति को कोई अतिरिक्त परेशानी नहीं है.
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