कोलकाता.
राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा ने रणनीतियों पर तेजी से काम कर दिया है. पार्टी ने उन विधानसभा क्षेत्रों पर खास ध्यान केंद्रित करना शुरू किया है, जहां पिछले चुनावों में उसके उम्मीदवार बहुत कम अंतर से हार गये थे.पार्टी के राज्य नेतृत्व ने एक मानक तय किया है. इसके तहत उन सीटों की पहचान की जा रही है, जहां 2021 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के विधानसभा क्षेत्रवार नतीजों में हार का अंतर 10 हजार वोट से कम रहा था.भाजपा की राज्य समिति के एक सदस्य के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव में सीटों की संख्या भले ही 2019 से कम रही हो, लेकिन विधानसभा क्षेत्रवार प्रदर्शन 2021 के विधानसभा चुनाव से बेहतर था. 294 विधानसभा क्षेत्रों के नतीजों का विस्तार से अध्ययन करने के बाद ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गयी है, जहां हार का अंतर बहुत कम था. अब इन्हीं सीटों पर विशेष रणनीति के तहत काम किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की हार 10 हजार वोट या उससे कम के अंतर से हुई, वहां माकपा के नेतृत्व वाले वाममोर्चा को मिले वोटों ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी. इसी कारण पार्टी अब गैर भारतीय जनता पार्टी लेकिन तृणमूल कांग्रेस विरोधी मतदाताओं को अपने पक्ष में लाने पर विशेष जोर दे रही है.2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 77 सीटें जीत कर राज्य में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी थी. वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव के विधानसभा क्षेत्रवार विश्लेषण में यह सामने आया कि 90 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के उम्मीदवार तृणमूल कांग्रेस से आगे रहे थे. राज्य में सरकार बनाने के लिए 148 सीटों का आंकड़ा जरूरी है.
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