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सीयू : आंतरिक यूजी कोर्स में प्रवेश फिलहाल नहीं

कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) अपने आंतरिक स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया फिलहाल रोक कर रखेगा. विश्वविद्यालय से संबद्ध 137 कॉलेज अधिकांश स्नातक कार्यक्रम संचालित करते हैं, जबकि सीयू स्वयं भी कुछ स्नातक पाठ्यक्रम चलाती है. सीयू ने आंतरिक स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अपनी प्रवेश प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि वह राज्य सरकार के आदेश का इंतजार कर रही है, जिसे अभी ओबीसी आरक्षण पर कानूनी राय प्राप्त होनी है.

कोलकाता.

कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) अपने आंतरिक स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया फिलहाल रोक कर रखेगा. विश्वविद्यालय से संबद्ध 137 कॉलेज अधिकांश स्नातक कार्यक्रम संचालित करते हैं, जबकि सीयू स्वयं भी कुछ स्नातक पाठ्यक्रम चलाती है. सीयू ने आंतरिक स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अपनी प्रवेश प्रक्रिया को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि वह राज्य सरकार के आदेश का इंतजार कर रही है, जिसे अभी ओबीसी आरक्षण पर कानूनी राय प्राप्त होनी है.

सीयू के रजिस्ट्रार देबाशीष दास ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि 20 मई को विश्वविद्यालय की फैकल्टी काउंसिल ने खाद्य व पोषण, मानव विकास और संगीत जैसे आंतरिक स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन स्वीकार करने का निर्णय लिया, जबकि कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध 137 कॉलेज अधिकांश स्नातक कार्यक्रम चलाते हैं. विश्वविद्यालय स्वयं भी कुछ स्नातक कार्यक्रम चलाता है. फिलहाल उन सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया रोक दी गयी है.

फैकल्टी काउंसिल ने ओबीसी आरक्षण पर अपने कानूनी सलाहकारों की राय लेने के बाद इन-हाउस कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया. सीयू के रजिस्ट्रार देबाशीष दास ने बताया : हम अपने इन-हाउस कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा रहे, क्योंकि राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण पर महाधिवक्ता से कानूनी राय मांगी है. हम राय मिलने के बाद राज्य सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं. जैसे ही यह हमारे पास पहुंचेगा, हम प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर देंगे.

क्या है मामला : गत वर्ष 21 मई को कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें 77 समुदायों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के रूप में चिह्नित किया गया था और नौकरियों व शिक्षण क्षेत्र में उनके लिए कोटा सुनिश्चित किया गया था. राज्य सरकार ने इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी और मार्च में सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि राज्य ने अगले तीन महीनों में संभावित ओबीसी लाभार्थियों की पहचान करने के लिए एक नयी कवायद शुरू की है. हाल ही में राज्य सरकार ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले स्नातक स्तर पर ओबीसी आरक्षण पर बंगाल के महाधिवक्ता की राय मांगी थी. यह पूछे जाने पर कि क्या राय आ गयी है, शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने रविवार को कहा था कि अभी तक यह नहीं आयी है. एक बार राय आ जायेगी, तो इसे राज्य सरकार के उच्चतम स्तर पर भेज दिया जायेगा. फिर आवश्यक अधिसूचना जारी की जायेगी. सीयू के एक अधिकारी ने बताया कि प्लस-2 के परिणाम मई के शुरू में प्रकाशित होने के बावजूद ओबीसी आरक्षण को लेकर संदेह के कारण संबद्ध कॉलेजों में प्रवेश शुरू नहीं हो सका है. ऐसी स्थिति में किसी भी स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश शुरू करना उचित नहीं होगा. इससे कानूनी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. केंद्रीकृत प्रवेश पोर्टल के माध्यम से सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेजों में स्नातक प्रवेश की शुरुआत अभी तक नहीं हुई है. राज्य संचालित पोर्टल के दायरे से बाहर के निजी और स्वायत्त कॉलेजों व विश्वविद्यालयों ने मई के पहले सप्ताह से अपना प्रवेश शुरू कर दिया है. प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने में देरी से प्रिंसिपल पिछले साल की तरह इस बार भी कॉलेजों में सीटें खाली रहने की आशंका जता रहे हैं.

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